दंतेवाड़ा : मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के अंतर्गत महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा एक अभिनव पहल करते हुए जुलाई 2025 से दंतेवाड़ा जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों के पोषण आहार में स्थानीय मोटे अनाज जैसे कोदो और कुटकी को शामिल किया गया है।इस पहल के तहत 23 जून से 5 जुलाई तक जिला प्रशासन द्वारा निर्माण संस्था के सहयोग से UNICEF और माइक्रो मिलेट कार्यक्रम के अंतर्गत लगभग 830 आंगनबाड़ी केंद्रों की सहायिकाओं को कोदो एवं कुटकी से तैयार पौष्टिक मांढ़िया भात को बच्चों के आहार में स्वादिष्ट और पोषक रूप में शामिल करने का प्रशिक्षण दिया गया।
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प्रशिक्षण में कोदो और कुटकी जैसे मोटे अनाजों की पोषण संबंधी विशेषताओं पर विस्तार से जानकारी दी गई।इन अनाजों में आयरन, कैल्शियम, प्रोटीन तथा फाइबर जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो बच्चों और महिलाओं के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होते हैं।इस कार्यक्रम का संचालन निर्माण संस्था के प्रशिक्षकों नताशा कनोजे एवं लक्ष्मी यादव द्वारा किया गया। प्रशिक्षण के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को कोदो और कुटकी से बनने वाले पारंपरिक व्यंजनों की विधि भी सिखाई गई, जिसमें आदिवासी समाज में लंबे समय से प्रचलित मांढ़िया भात प्रमुख रहा।यह व्यंजन 80% चावल और 20% कोदो या कुटकी के मिश्रण से तैयार किया जाता है, जो स्वादिष्ट होने के साथ-साथ अत्यंत पौष्टिक भी है।
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