नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संविधान के अनुच्छेद 80(1)(a) और इसके खंड (3) के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए चार विशिष्ट व्यक्तियों को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है। यह मनोनयन उन सीटों को भरने के लिए किया गया है, जो पहले मनोनीत सदस्यों की सेवानिवृत्ति के कारण खाली हुई थीं।
मनोनीत किए गए चार प्रतिष्ठित व्यक्तियों में प्रख्यात वकील उज्ज्वल देवराव निकम, केरल के वरिष्ठ समाजसेवी और शिक्षाविद् सी. सदानंदन मास्ते, पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला और जानी-मानी इतिहासकार मीनाक्षी जैन शामिल हैं।
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मनोनीत सदस्यों के बारे में-
राज्यसभा में सदस्यों को कैसे मनोनीत किया जाता है?
भारतीय संविधान राष्ट्रपति को राज्यसभा में 12 सदस्यों को मनोनीत करने का अधिकार देता है। ये सदस्य ऐसे व्यक्ति होते हैं जिन्होंने कला, साहित्य, विज्ञान और सामाजिक सेवा जैसे क्षेत्रों में विशेष ज्ञान या व्यावहारिक अनुभव हासिल किया हो। इन मनोनीत सदस्यों का किसी राजनीतिक दल से जुड़ा होना आवश्यक नहीं होता और वे संसद में विभिन्न क्षेत्रों से विशेषज्ञ राय और अनुभव लाते हैं। वर्तमान में, राज्यसभा में 12 मनोनीत सीटों में से चार खाली थीं, जिन्हें इन नए मनोनयनों से भरा गया है।
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