सावन का पवित्र माह भगवान शिव व उनके परिवार के लिए बेहद खास माना जाता है। इस माह के सोमवार को जहां भगवान शिव की पूजा-अर्चना की जाती है, वहीं मंगलवार के दिन मां पार्वती को समर्पित किया गया है, इस मां मंगला गौरी का नाम दिया गया है। ऐसा कहा जाता है कि मंगला गौरी व्रत रखने से पति की लंबी उम्र होती है और विवाहिता का वैवाहिक जीवन भी सुखी होता है। वहीं, जिन कन्याओं का विवाह नहीं हो रहा है वे इस व्रत को रहकर अच्छे वर की कामना करती हैं। ऐसे में आज यानी 15 जुलाई को पहला मंगला गौरी व्रत है। आइए यहां जानते हैं कि इस बार सावन में कितने मंगला गौरी व्रत पड़ रहे हैं....
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कितने पड़ रहे मंगला गौरी व्रत तिथि
सावन में इस बार 4 सोमवार के साथ ही 4 मंगला गौरी व्रत भी पड़ रहे हैं। आइए जानते हैं कब कब...
क्यों खास है सावन का मंगलवार?
सावन माह के हर एक मंगलवार का मंगला गौरी व्रत रखा जाता है। यह व्रत जातक के विवाह में आने वाली बाधाओं को दूर करता है और वैवाहिक लोगों के दांपत्य जीवन को सुखी बनाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत को करने से जातक के कुंडली में मौजूद मंगल दोष का प्रभाव भी कम हो जाता है, इससे विवाह में देरी, वैवाहिक जीवन में आ रही सभी तरह की मुश्किलें दूर हो जाती हैं।
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कैसी की जानी चाहिए पूजा?
सबसे पहले मंगला गौरी के दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं। इसके बाद लाल रंग के वस्त्र धारण करें। फिर पूजा घर की सफाई करें और एक वेदी बनाएं और उसपर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं। फिर उस पर मां मंगला गौरी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें। अब व्रत का संकल्प लें। इसके बाद मां गौरी को 16 श्रृंगार की सामग्री, सूखे मेवे, फल-मिठाई आदि चढ़ाएं और प्रतिमा के सामने एक दीया जलाएं। अब मंगला गौरी व्रत कथा कहें और ओम गौरी शंकराय नमः मंत्र का जप करें। इसके बाद अंत में विधि-विधान से मां गौरी की आरती करें।
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