छत्तीसगढ़ विधानसभा मानसून सत्र :विधायक अनुज शर्मा ने पूछा -मिलावटी शराब कैसे बिक रही?

छत्तीसगढ़ विधानसभा मानसून सत्र :विधायक अनुज शर्मा ने पूछा -मिलावटी शराब कैसे बिक रही?

 खरोरा : छत्तीसगढ़ विधानसभा मानसून सत्र 2025 के पहले दिन धरसींवा विधायक अनुज शर्मा ने अपने क्षेत्र के कई महत्वपूर्ण सवाल उठाए। जिसमें विधायक अनुज शर्मा ने आबकारी मंत्री से पूछा कि, क्या धरसींवा क्षेत्र के ग्राम लालपुर स्थित शराब दुकान में जून माह को बिना होलोग्राम तथा मिलावटी शराब बिक्री के संबंध में शिकायत प्राप्त हुई है। इस अनियमितता पर विभाग द्वारा कार्यवाही की गई है या नहीं?

जिसके जवाब में आबकारी मंत्री ने बिना होलोग्राम तथा मिलावटी शराब बिक्री को स्वीकार करते हुए कहा कि, राज्य स्तरीय उड़नदस्ता द्वारा धरसींवा के ग्राम लालपुर स्थित शराब दुकान में 13 जून को बिना होलोग्राम तथा मिलावटी शराब के साथ वित्तीय अनियमितता पाये जाने पर कार्यवाही करते हुए प्लेसमेंट एजेंसी कर्मचारियों को काम से निकाल दिया गया है। इसके साथ ही विभागीय अधिकारियों पर निलंबन की कार्यवाही की गई है।

ये भी पढ़े : मुखिया के मुखारी - हम आपके हैं कौन बनते

राजस्व मंत्री से नकटी गांव को लेकर पूछा सवाल

दूसरे सवाल में विधायक श्री शर्मा ने राजस्व मंत्री से प्रश्न किया कि, क्या धरसींवा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम नकटी (सम्मानपुर) में शासकीय भूमि पर कब्जाधारियों को नोटिस जारी हुआ था या नही? जिस पर मंत्री ने जवाब दिया कि, इस संबंध में कोई भी योजना हेतु आरक्षित/अधिसूचना जारी नहीं की गई है। लेकिन छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड द्वारा षष्ठम विधानसभा के जनप्रतिनिधियों हेतु भूमि की माँग किए जाने का उत्तर प्राप्त हुआ।

मोहरेंगा नेचर सफारी को लेकर पूछा सवाल

विधायक शर्मा ने तीसरा सवाल उठाते हुए पूछा कि, विधानसभा क्षेत्र धरसींवा में स्थित मोहरेंगा नेचर सफारी में किन-किन पदों कितने कर्मचारी कार्यरत हैं। सफारी में किस-किस प्रकार के वृक्ष एवं वन्यजीव कितनी-कितनी तादात में अवस्थित हैं। वहाँ अवैध कटाई या परिवहन की प्राप्त शिकायत के संबंध में प्रश्न किया गया।

ये भी पढ़े : अंतरिक्ष में 18 दिन बिताने के बाद शुभांशु शुक्ला धरती पर लौटे,हुआ स्प्लैशडाउन

मंत्री ने दिया जवाब

इस पर मंत्री ने कहा कि, विधानसभा क्षेत्र धरसींवा में स्थित मोहरेंगा नेचर सफारी में नियमित 01 वनपाल, नियमित 01 वनरक्षक एवं 10 दैनिक श्रमिक कार्यरत है। कोई संविदा कर्मचारी कार्यरत नहीं है। मोहरेंगा वनक्षेत्र में साजा, खैर, तेन्दू, सागौन, बीजा, महुआ, चार, कुसुम, बहेड़ा, धावड़ा, आंवला, बांस आदि मूल्यवान और औषधि प्रजातियों की प्राकृतिक वन संपदा है। वृक्षों तथा वन्यप्राणियों की गणना नहीं की गई है। इसके साथ ही वृक्षों की अवैध कटाई और परिवहन के संबंद में कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।









You can share this post!


Click the button below to join us / हमसे जुड़ने के लिए नीचें दिए लिंक को क्लीक करे


Related News



Comments

  • No Comments...

Leave Comments