परमेश्वर राजपूत, गरियाबंद : अपनी ही जमीन पर कब्जा दिलाने की मांग को लेकर गरियाबंद कलेक्ट्रेट के सामने सोमवार सुबह से भूख हड़ताल पर बैठे अमलीपदर के खरीपथरा निवासी मुरहा नागेश और उसके परिवार को आखिरकार 12 घंटे बाद प्रशासन का लिखित आश्वासन मिल गया। परिवार ने मांग पूरी नहीं होने पर आत्मदाह की चेतावनी दी थी, जिसके बाद दिनभर चले घटनाक्रम के बाद शाम लगभग 8 बजे प्रशासन हरकत में आया।देवभोग एसडीएम तुलसीदास मरकाम ने मुरहा नागेश को लिखित आश्वासन दिया कि 15 जुलाई को उसके परिवार को जमीन पर कब्जा दिलाया जाएगा और जिन लोगों ने कब्जा किया है, उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। साथ ही जमीन के दस्तावेजों में त्रुटि सुधार के लिए दो माह का समय भी तय किया गया है।
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इस भूख हड़ताल को गरियाबंद थाना प्रभारी ओपी यादव ने मिठाई खिलाकर खत्म करवाया और परिवार को नाश्ता कराया। सबसे बड़ा सवाल यह है कि दो बार जब प्रशासन ने मुरहा नागेश को कब्जा दिया था लेकिन गांव के दबंग व्यक्ति ने पुन उसे जमीन पर कब्जा कर लिया था तो उस पर कोई एफआईआर और कार्रवाई क्यों नहीं हुई मुरहा नागेश का कहना है कि वह पिछले 5 सालों से अपनी जमीन के लिए लड़ रहा है और अब तक राजस्व विभाग के अधिकारियों को 4 से 5 लाख रुपये दे चुका है, बावजूद इसके आज तक जमीन का कब्जा नहीं मिला।मुरहा नागेश के पास 7.5 एकड़ जमीन है, लेकिन कोई अन्य आय का स्रोत या पक्का मकान नहीं है। भूख हड़ताल और आत्मदाह जैसे कदम उठाने के पीछे मजबूरी थी, क्योंकि अब तक बार-बार सिर्फ मौखिक आश्वासन मिल रहे थे।नअब जब प्रशासन ने लिखित में वादा किया है, परिवार को उम्मीद है कि इस बार उन्हें उनका हक जरूर मिलेगा।
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