हड़ताल की चेतावनी:  एक बार फिर अपनी लंबित मांगों को लेकर तहसीलदार संघ ने सौंपा ज्ञापन

हड़ताल की चेतावनी: एक बार फिर अपनी लंबित मांगों को लेकर तहसीलदार संघ ने सौंपा ज्ञापन

 बलौदा बाजार : छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ (तहसीलदार संघ) ने एक बार फिर अपनी लंबित मांगों को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। चेतावनी दी है कि यदि 26 जुलाई 2025 तक उनकी 17 सूत्रीय मांगों पर कोई ठोस पहल नहीं होती, तो 28 जुलाई से पूरे प्रदेश में चरणबद्ध आंदोलन शुरू किया जाएगा।

संघ ने 'संसाधन नहीं तो काम नहीं' के सिद्धांत पर आंदोलन की भूमिका स्पष्ट करते हुए बताया कि तहसील कार्यालयों में कार्यरत अधिकारियों को न केवल तकनीकी और मानवीय संसाधनों की भारी कमी झेलनी पड़ रही है, बल्कि वाहन, सुरक्षा और प्रशासनिक सहयोग जैसे बुनियादी साधनों का भी अभाव है।

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प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं-

1. तहसील कार्यालयों में कंप्यूटर ऑपरेटर, राजस्व निरीक्षक, भृत्य, वाहन चालक, पटवारी जैसे पदों की तत्काल पदस्थापना।

2. लोक सेवा गारंटी समयसीमा से राहत जब तक सभी पदों की पूर्ति न हो।

3. तहसीलदार से डिप्टी कलेक्टर पद पर शीघ्र पदोन्नति और 50:50 अनुपात में सीधी भर्ती।

4. नायब तहसीलदार को राजपत्रित अधिकारी घोषित करने की पूर्व घोषणा का अमल।

5. ग्रेड पे में लंबित संशोधन को शीघ्र पूर्ण करना।

6. तहसीलों के लिए शासकीय वाहन की उपलब्धता या वाहन भत्ता।

7. बिना विधिसम्मत प्रक्रिया के निलंबित अधिकारियों की 15 दिन में बहाली।

8. न्यायालयीन मामलों में FIR दर्ज न किया जाए और न्यायाधीश प्रोटेक्शन एक्ट के अनुसार कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।

साथ ही अन्य मांगे भी है-
संघ ने चेताया कि यदि समय रहते शासन द्वारा ठोस कदम नहीं उठाए जाए तो तहसील स्तर पर प्रशासनिक कार्य प्रभावित हो सकते हैं। संघ ने प्रशासन से संवाद कर शीघ्र हल निकालने की अपील की है।

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