नई दिल्ली : रात की नींद हमारी सेहत के लिए बेहद जरूरी है। इस दौरान दिमाग भी खुद को आराम देता है, रिपेयर करता है और दिनभर की मेमोरी को स्टोर करता है। हालांकि, आजकल की लाइफस्टाइल में लोग रात को देर तक जागते हैं, खासकर युवा। लेकिन क्या आप जानते हैं नींद की कमी सीधे तौर पर हमारे दिमाग को नुकसान पहुंचा सकती है?
इसलिए ब्रेन हेल्थ डे के मौके पर हमने डॉ. (प्रो.) कुनाल बहरानी ( क्लीनिकल डायरेक्टर- न्यूरोलॉजी, मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल फरीदाबाद) से यह जाना कि जब हम पूरी नींद नहीं लेते तो इसका हमारे दिमाग पर क्या असर पड़ता है। आइए जानें इस बारे में।
ये भी पढ़े : मुखिया के मुखारी - हम आपके हैं कौन बनते
याददाश्त और सीखने की क्षमता पर असर
नींद के दौरान हमारा दिमाग दिनभर की एक्टिविटीज और सीखी गई चीजों को ऑर्गेनाइज करता है। डीप स्लीप और REM स्लीप साइकिल के दौरान दिमाग नई जानकारी को लंबे समय तक याद रखने के लिए स्टोर करता है। अगर नींद पूरी नहीं होती, तो यह प्रक्रिया बाधित हो जाती है, जिससे याददाश्त कमजोर होने लगती है और नई चीजें सीखने में मुश्किल होती है।
फोकस करने और फैसले लेने की क्षमता में कमी
नींद की कमी से दिमाग के सेल्स यानी न्यूरॉन्स ठीक से काम नहीं कर पाते, जिससे सोचने-समझने की क्षमता कम हो जाती है। इसका सीधा असर हमारे फोकस, रीजनिंग और फैसले लेने की क्षमता पर पड़ता है। इतना ही नहीं, जिन लोगों की नींद पूरी नहीं होती, उनमें रिएक्शन टाइम भी धीमा हो जाता है, जिससे एक्सीडेंट का खतरा बढ़ जाता है।
मूड स्विंग और मेंटल हेल्थ पर दुष्प्रभाव
कम सोने वाले लोग अक्सर चिड़चिड़े, स्ट्रेसफुल या उदास महसूस करते हैं। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि नींद की कमी अमिगडाला नाम के दिमाग के हिस्से को ज्यादा एक्टिव कर देती है, जो इमोशन्स को कंट्रोल करता है। इसके साथ ही, नींद की कमी से सेरोटोनिन और डोपामाइन जैसे हैप्पी हार्मोन्स का बैलेंस बिगड़ जाता है, जिससे डिप्रेशन और एंग्जाइटी का खतरा बढ़ जाता है।
ब्रेन सेल्स को नुकसान
लंबे समय तक नींद की कमी दिमाग के सेल्स को नुकसान पहुंचा सकती है। नींद की कमी से दिमाग के कुछ हिस्सों में न्यूरॉन्स की संख्या कम हो सकती है। साथ ही, नींद के दौरान दिमाग टॉक्सिक प्रोटीन्स, जैसे बीटा-एमिलॉइड को साफ करता है, जो अल्जाइमर जैसी बीमारियों से जुड़े होते हैं। नींद पूरी न होने पर ये हानिकारक प्रोटीन जमा होने लगते हैं, जिससे दिमाग की काम करने की क्षमता प्रभावित होती है।
क्रिएटिविटी और प्रॉब्लम सॉल्विंग में कमी
नींद हमारी क्रिएटिविटी और इनोवेटिव थिंकिंग के लिए भी जरूरी है। जब हम सोते हैं, तो दिमाग नई जानकारी को जोड़कर समस्याओं का हल ढूंढता है। नींद पूरी न होने पर यह प्रक्रिया बाधित होती है, जिससे नए आइडियाज आने कम हो जाते हैं।
इसलिए अगर आप अपने दिमाग को स्वस्थ रखना चाहते हैं, तो रोजाना 7-9 घंटे की गहरी नींद लेना जरूरी है। नींद की कमी न सिर्फ आपकी रोजर्मरा के जीवन को प्रभावित करती है, बल्कि लंबे समय में यह आपके दिमाग की संरचना को भी नुकसान पहुंचा सकती है। इसलिए अपनी नींद को प्राथमिकता दें और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं।
Comments