साप्ताहिक समीक्षा बैठक में विकास कार्यों की प्रगति पर कलेक्टर ने जताई संतुष्टि, विभागों को दिए समय-सीमा में कार्य पूर्ण करने के निर्देश

साप्ताहिक समीक्षा बैठक में विकास कार्यों की प्रगति पर कलेक्टर ने जताई संतुष्टि, विभागों को दिए समय-सीमा में कार्य पूर्ण करने के निर्देश

एमसीबी : जिले की साप्ताहिक समय-सीमा की समीक्षा बैठक आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में कलेक्टर डी. राहुल वेंकट की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में अपर कलेक्टर विनायक शर्मा तथा जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी अंकिता सोम शर्मा विशेष रूप से उपस्थित रहीं। बैठक में सभी विभाग प्रमुखों, जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों, तहसीलदारों तथा नगर निकायों के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों सहित जिला स्तरीय अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक में बीते सप्ताह दिए गए निर्देशों की प्रगति की गहन समीक्षा की गई एवं आगामी सप्ताह की प्राथमिकता वाले कार्यों और योजनाओं पर विस्तृत चर्चा हुई।

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कलेक्टर ने सभी अधिकारियों को विकास कार्यों को तय समय-सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए एवं लंबित प्रकरणों का प्राथमिकता से निराकरण करने पर बल दिया। उन्होंने विभिन्न विभागों के पुराने और नए कार्यों की बिंदुवार समीक्षा करते हुए अधिकारियों को कार्यक्षमता बढ़ाने हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बैठक में पीएमजीएसवाई, सीएम जनदर्शन एवं पीएम पोर्टल्स में दर्ज शिकायतों की स्थिति की भी समीक्षा की गई एवं जनहित से जुड़ी समस्याओं के त्वरित समाधान के निर्देश दिए गए। उन्होंने समस्त जिला अधिकारियों को शासन के मंशानुरूप प्रत्येक कार्यालय में ई-ऑफिस कार्यों का क्रियान्वयन किया जाना है। उन्होंने समस्त विभागीय अधिकारियों को अपना ई-ऑफिस आईडी बनाने तथा आईडी ई-ऑफिस के माध्यम से समस्त विभागीय पत्रों का संधारण करना अनिवार्य है। इसे सभी प्राथमिकता से सभी को कराने के निर्देश दिये।

कलेक्टर ने कहा कि आम जनता की शिकायतों का संतोषजनक निराकरण प्रशासन की प्राथमिकता है। सीएम जनदर्शन और पीएम पोर्टल पर प्राप्त आवेदनों की मॉनिटरिंग निरंतर करनी है, और संबंधित विभागीय अधिकारी जिम्मेदारी पूर्वक कार्य करते हुए जवाबदेही सुनिश्चित करें।

बैठक के दौरान कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला अधिकारियों को सहायक आयुक्त जीएसटी राजेन्द्र पटेल, सहायक आयुक्त मार्को तथा सी.ए. आकाश अग्रवाल ने संयुक्त रूप से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के अंतर्गत स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) की प्रक्रिया, नियम और दंड प्रावधानों की जानकारी भी दी। उन्होंने बताया कि वाणिज्यिक कर विभाग के अंतर्गत कार्यरत सहायक आयुक्त राज्य कर, कोरिया सर्कल मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर द्वारा समस्त विभागों को विस्तृत मार्गदर्शन प्रदान किया गया है। जीएसटी एक अप्रत्यक्ष कर है जो वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर लगाया जाता है, यह गंतव्य आधारित कर है और मानव उपभोग के लिए अल्कोहलिक शराब तथा पांच पेट्रोलियम उत्पादों को छोड़कर शेष सभी वस्तुओं एवं सेवाओं पर लागू होता है। यह अधिनियम पूर्व में लागू केंद्रीय उत्पाद शुल्क, सेवा कर, वैट, सीएसटी, मनोरंजन कर, विलासिता कर एवं प्रवेश कर जैसे अनेक करों का स्थान ले चुका है। उन्होंने बताया कि टीडीएस तभी काटा जाता है जब कर योग्य आपूर्ति 2,50,000 रुपए से अधिक की हो। CGST और SGST अधिनियम की धारा 51 के तहत केंद्र व राज्य सरकारों, स्थानीय निकायों, सरकारी एजेंसियों एवं सार्वजनिक उपक्रमों को स्रोत पर कर कटौती अनिवार्य है। टीडीएस केवल कर-मुक्त मूल्य पर लागू होता है, और इंट्रा-स्टेट आपूर्ति में 1% CGST व 1% SGST तथा इंटर-स्टेट आपूर्ति में 2% IGST की दर से लागू होता है।

ग्राम पंचायतों द्वारा किए गए प्रत्येक निर्माण कार्यों से पूर्व भी टीडीएस की कटौती आवश्यक है। कलेक्टर ने यह भी स्पष्ट किया कि काटी गई राशि उस महीने की समाप्ति के 10 दिनों के भीतर संबंधित सरकार को जमा करना अनिवार्य है और जीएसटीआर-7 रिटर्न उसी माह की 10 तारीख तक दाखिल करना आवश्यक है। साथ ही जीएसटीआर-7ए प्रमाण पत्र 5 दिनों के भीतर आपूर्तिकर्ता को जारी करना होगा, जिसमें अनुबंध मूल्य, कर दर, कटौती की गई राशि तथा भुगतान विवरण शामिल होता है। डिडक्टी (जिससे कर कटा है) अपने इलेक्ट्रॉनिक कैश लेजर में यह राशि देख सकता है और इसका लाभ अपने आगामी कर भुगतान में ले सकता है। यदि गलती से अधिक कटौती की गई है तो अधिनियम के अनुसार रिफंड की व्यवस्था भी उपलब्ध है।

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टीडीएस पंजीकरण के लिए वैध पैन या टैन, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी, पासपोर्ट साइज फोटो, पता प्रमाण, डीएससी/आधार अथवा ईवीसी और अधिकृत हस्ताक्षरी की फोटो अनिवार्य है। जीएसटी भुगतान हेतु ऑनलाइन विकल्प जैसे डेबिट/क्रेडिट कार्ड, नेट बैंकिंग, एनईएफटी, आरटीजीएस तथा काउंटर भुगतान की सुविधाएं उपलब्ध हैं। यदि कोई संस्था निर्धारित समय सीमा में पंजीकरण नहीं कराती या टीडीएस की कटौती एवं जमा नहीं करती, तो 10,000 रुपए या कटौती की गई/गैर-कटौती की राशि के बराबर जो अधिक हो, वह जुर्माना देय होगा। प्रमाण पत्र समय पर जारी न करने पर 100 रुपए प्रतिदिन की दर से अधिकतम 5,000 रुपए तक विलंब शुल्क और जमा नहीं करने पर 18% वार्षिक दर से ब्याज देना होगा। कलेक्टर डी. राहुल वेंकट ने अंत में सभी अधिकारियों से समन्वय के साथ कार्य करने और शासन की योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए संवेदनशीलता व प्रतिबद्धता के साथ प्रयास करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि शासन की मंशा के अनुरूप जनहित सर्वोपरि है और प्रत्येक अधिकारी की जवाबदेही इसके प्रति स्पष्ट होनी चाहिए।इस बैठक में समस्त एसडीएम सहित सभी तहसीलदार, जनपद पंचायतों के सीईओ, नगर निकायों के सीएमओ और विभागीय अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।









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