सलाखों के पीछे भी महका भाईचारे का फूल – 161 बहनों ने 53 भाइयों की कलाई पर सजाया पवित्र रक्षासूत्र, जेल में गूंजा राखी का गीत

सलाखों के पीछे भी महका भाईचारे का फूल – 161 बहनों ने 53 भाइयों की कलाई पर सजाया पवित्र रक्षासूत्र, जेल में गूंजा राखी का गीत

परमेश्वर राजपूत, गरियाबंद:रक्षाबंधन के इस पावन पर्व ने आज जिला जेल की सर्द दीवारों और लोहे की सलाखों में भी गर्माहट और अपनापन भर दिया। सुबह 9 बजे से ही बहनों का तांता लगना शुरू हुआ, और दोपहर 1 बजे तक 161 बहनें 53 भाइयों की कलाई पर पवित्र राखी बांध चुकी थीं। अभी भी बहनों का जेल पहुंचना जारी है, और हर राखी के साथ भावनाओं की एक नई कहानी जुड़ रही है।

जेल प्रशासन ने इस पर्व को विशेष और यादगार बनाने के लिए पूरी तैयारी की थी। बहनों के बैठने के लिए अलग से व्यवस्था, साफ-सफाई, और स्वागत के लिए लगाए गए आकर्षक फ्लेक्स ने माहौल को और भी आत्मीय बना दिया। राखी बांधने के दौरान कई बहनों की आंखें नम हो गईं, तो कई भाइयों की आंखों में भी परिवार की यादें तैर गईं।

जेल अधीक्षक ने कहा— “भाई-बहन का रिश्ता किसी भी परिस्थिति में पवित्र और अटूट रहता है। आज का यह आयोजन न केवल रिश्तों को मजबूत करता है, बल्कि भाइयों के दिल में सुधार, अपनापन और नई राह पर लौटने की उम्मीद जगाता है।”

इस आयोजन की सफलता में सहायक जेल अधीक्षक रवि कुमार भुआर्य, भरत दीवान, प्रमोद राव, वीरेंद्र बांधे, कुंजलाल सिन्हा, विक्रम भोई और नंकेश्वर सिंह का विशेष योगदान रहा।

आज की यह तस्वीर, जहां एक ओर सलाखों के बीच राखी का धागा बांधा जा रहा था, वहीं दूसरी ओर मानवता, प्रेम और भाईचारे का संदेश पूरे समाज को दिया जा रहा था— कि चाहे दीवारें कितनी भी ऊंची हों, रिश्तों की डोर उन्हें पार कर जाती है।








You can share this post!


Click the button below to join us / हमसे जुड़ने के लिए नीचें दिए लिंक को क्लीक करे


Related News



Comments

  • No Comments...

Leave Comments