सोनिया नगर चोरी कांड का मुख्य आरोपी धीरज शर्मा को कोतवाली पुलिस ने चलते बस से दबोचा, आरोपी का साथी भी गिरफ्तार

सोनिया नगर चोरी कांड का मुख्य आरोपी धीरज शर्मा को कोतवाली पुलिस ने चलते बस से दबोचा, आरोपी का साथी भी गिरफ्तार

रायगढ़ :  कोतवाली पुलिस ने सोनिया नगर में हुई लाखों की चोरी के फरार मुख्य आरोपी धीरज शर्मा को उर्दना चौक के पास घेराबंदी कर रायगढ़ लौट रही बस से पकड़ने में बड़ी सफलता हासिल की है। घटना के बाद आरोपी वृंदावन में छिपा हुआ था, जिसकी गतिविधियों पर लगातार नजर रखते हुए पुलिस ने जाल बिछाकर उसे दबोच लिया। पूछताछ में सामने आया कि चोरी के माल को छिपाने में उसके बचपन के दोस्त मीर रिजवान अली ने मदद की थी, जिसे पहले ही बरामदगी के दौरान पुलिस ने संदिग्ध पाया था। दरअसल, पुलिस ने चोरी के चार सोने के बिस्किट, तीन चांदी के सिल्ली और तीन सोने की अंगूठियां मीर रिजवान के पास से बरामद की थीं, पर उस समय उसने माल के बारे में अनजान होने का दावा किया था।

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मामला 25 जून का है, जब सोनिया नगर निवासी कपड़ा व्यवसायी अनूप अग्रवाल ने घर में हुई बड़ी चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। 22 जून को वे पत्नी संग बाहर थे और घर पर उनका बेटा आदित्य मौजूद था। उसी रात उसका मित्र पंडित धीरज व तीन स्टाफ आए और देर रात चले गए। अगले दिन स्टाफ के पहुंचने पर आदित्य की तबीयत खराब थी और उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया। 23 जून को आदित्य ने अलमारी चेक की तो चार सोने के बिस्किट गायब मिले। साथ ही ग्राउंड फ्लोर ऑफिस से 3 लाख 40 हजार रुपये नगद और दो सोने की अंगूठियां भी चोरी हो चुकी थीं। चोरों ने पहचान छिपाने के लिए बुटिक में लगे सीसीटीवी डीवीआर और पीओई स्विच भी निकाल लिए थे। पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ अपराध क्रमांक 312/2025 धारा 331(4),305 बीएनएस के तहत अपराध पंजीबद्ध कर आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए।

घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल, डीएसपी साइबर सेल अनिल विश्वकर्मा और कोतवाली टीआई सुखनंदन पटेल की टीम ने जांच शुरू की। शुरुआती सुरागों से ही अंदरूनी व्यक्ति की भूमिका का शक गहरा गया। इसी बीच मीर रिजवान ने बताया कि धीरज ने घटना के अगले दिन उसे एक थैला रखने दिया था। उसी आधार पर पुलिस ने उसके पास से चोरी का सारा सोना-चांदी और गहने बरामद किए, जिनकी कीमत 42 लाख रुपये से अधिक आंकी गई।

मुख्य आरोपी धीरज घटना के बाद से फरार था। सूचना मिली कि वह वृंदावन से बस में रायगढ़ आ रहा है, जिस पर उर्दना मार्ग पर नाकेबंदी कर बस रोकी गई और आरोपी को पकड़ लिया गया। पूछताछ में धीरज ने अनूप अग्रवाल के परिवार से जान-पहचान का फायदा उठाकर चोरी करना स्वीकार किया। उसने बताया कि सीसीटीवी सिस्टम निकालकर पंचधारी डेम में फेंक दिया था, जबकि नकदी से पुराने कर्ज चुकाए और सोना-चांदी मीर रिजवान को दे दिया था। गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने उसके पास से स्कूटी एक्टिवा (कीमत 60,000), इलेक्ट्रिक स्कूटी (कीमत 50,000) और एक वनप्लस मोबाइल (कीमत 20,000) भी जब्त किए। मीर रिजवान को चोरी की संपत्ति की जानकारी होते हुए छिपाने का प्रयास करने पर सह-आरोपी बनाया गया और साक्ष्य अनुरूप प्रकरण में धारा 238, 3(5) बीएनएस विस्तारित कर दोनों आरोपियों को रिमांड पर भेज दिया गया।

इस कार्रवाई में पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आकाश मरकाम, नगर पुलिस अधीक्षक मयंक मिश्रा, डीएसपी साइबर सेल अनिल विश्वकर्मा के मार्गदर्शन में टीआई सुखनंदन पटेल, एसआई ऐनु देवांगन, एएसआई कोसो सिंह जगत, आरक्षक मनोज पटनायक, कमलेश यादव और रोशन एक्का की महत्वपूर्ण भूमिका एवं साइबर सेल की टीम का विशेष योगदान रहा ।

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गिरफ्तार आरोपी –
1. धीरज शर्मा पिता स्व. रेवतीरमन शर्मा, 28 वर्ष, निवासी गोकुलधाम कॉलोनी, रायगढ़
2. मीर रिजवान अली पिता मीर गजनफर अली, 36 वर्ष, निवासी रियापारा, रायगढ़

अब तक बरामद संपत्ति –
• 4 सोने के बिस्किट, 3 चांदी के सिल्ली, 3 सोने की अंगूठियां (कीमत 42 लाख रुपये)
• स्कूटी एक्टिवा CG 13 AK 5961 (कीमत 60,000 रुपये)
• इलेक्ट्रिक स्कूटी CG 13 AS 9893 (कीमत 50,000 रुपये)
• वनप्लस मोबाइल (कीमत 20,000 रुपये)
कुल कीमत लगभग 43.30 लाख रुपये









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