बहुचर्चित यश शर्मा हत्याकांड में न्यायालय ने सभी आरोपियों को सुनाई आजीवन कारावास की सजा

बहुचर्चित यश शर्मा हत्याकांड में न्यायालय ने सभी आरोपियों को सुनाई आजीवन कारावास की सजा

 रायपुर :  बहुचर्चित यश शर्मा हत्याकांड में न्यायालय ने आज फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इस मामले में तुषार पाहुजा, यश खेमानी, चिराग पंजवानी और तुषार पंजवानी समेत सभी आरोपियों को दोषी ठहराया गया।

घटनाक्रम

जानकारी के मुताबिक, 13 अक्टूबर 2024 को यश शर्मा का अपहरण किया गया था। आरोपियों ने उसे सिगरेट से जलाकर और चाकू मारकर गंभीर रूप से घायल किया। दो से तीन दिन तक अस्पताल में इलाज के दौरान यश शर्मा की मृत्यु हो गई। अपहरण और हत्याकांड की घटना के बाद आरोपियों ने फरार होने का प्रयास किया। यश शर्मा की हत्या की एफआईआर तेलीबांधा थाना में दर्ज की गई थी। इस मामले की सुनवाई स्पेशल जज एट्रोसिटी की कोर्ट में हुई। यश शर्मा हत्याकांड में गवाहों को धमकाने की घटनाओं ने मामले की गंभीरता को और बढ़ा दिया है। जानकारी के मुताबिक, यश शर्मा का 13 अक्टूबर 2024 को अपहरण किया गया था और उसे गंभीर रूप से पीटा गया था। गंभीर चोटों के कारण वह करीब तीन महीने तक अस्पताल में इलाज के बाद दम तोड़ दिया था।

ये भी पढ़े : मुखिया के मुखारी - हम आपके हैं कौन बनते

इस घटना के बाद राजेंद्र नगर थाना में हत्या की एफआईआर दर्ज की गई थी। मामले में आरोपी जेल में बंद हैं, लेकिन कोर्ट की कार्यवाही के दौरान गवाहों को धमकाने की कोशिश की गई। इस घटना ने न केवल सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि यह भी दर्शाया कि आरोपी जेल में रहते हुए भी मामले को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि गवाहों को धमकाने की घटनाओं की जानकारी मिलने के बाद प्रशासन ने सुरक्षा बढ़ा दी है। कोर्ट परिसर और गवाहों के आवागमन पर विशेष निगरानी रखी जा रही है।

 

वहीं पुलिस ने यह भी कहा कि आरोपी और उनके सहयोगी किसी भी तरह से जांच और गवाही प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं कर पाएंगे। मामले की गंभीरता को देखते हुए न्यायपालिका और प्रशासन दोनों ने सतर्कता बरती है। अदालत ने गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं और पुलिस से मामले में सक्रियता बरकरार रखने को कहा गया है। यश शर्मा हत्याकांड में अब तक कई गवाहों की गवाही दर्ज हो चुकी है। अधिकारियों का कहना है कि किसी भी धमकी या गवाह को डराने की कोशिश को गंभीर अपराध माना जाएगा और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में पुलिस और प्रशासन का लक्ष्य है कि गवाह खुलकर अपना बयान दें और न्यायिक प्रक्रिया पर किसी भी तरह का दबाव न बने। इससे पहले भी आरोपी जेल से बाहर रहकर मामले में हस्तक्षेप की कोशिश कर चुके हैं, लेकिन अब प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था और निगरानी को और कड़ा कर दिया है।

न्यायिक प्रक्रिया

कोर्ट में कुल 28 गवाहों ने अपनी गवाही दी। तीन महीने के भीतर ही अदालत ने सभी आरोपियों को दोषी ठहराते हुए आजिवन कारावास की सजा सुनाई। सजा सुनाने के बाद आरोपी कोर्ट में हंगामा करने लगे और पुलिस की मौजूदगी में मीडिया को अपशब्द कहे। इस मामले की जांच और अभियोजन में पुलिस की सक्रिय भूमिका रही। आरोपियों को पकड़ने और कोर्ट तक मामले को सुरक्षित रूप से पहुँचाने में पुलिस ने पूरी सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखी।

ये भी पढ़े : 79th Independence Day 2025 LIVE: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से दिया पाकिस्तान को कड़ा संदेश,कान खोलकर सुन ले दुश्मन देश









You can share this post!


Click the button below to join us / हमसे जुड़ने के लिए नीचें दिए लिंक को क्लीक करे


Related News



Comments

  • No Comments...

Leave Comments