रायपुर : मध्यप्रदेश में यादव समाज से मुख्यमंत्री मोहन यादव को चुने जाने के बाद भाजपा ने छत्तीसगढ़ में भी यादव समुदाय को साधने की रणनीति बनाई है। सूत्रों के मुताबिक, छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के विधायक गजेंद्र यादव को मंत्रिमंडल में शामिल करने पर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने सहमति दे दी है।
मंत्रिमंडल विस्तार में जातिगत-क्षेत्रीय समीकरण पर खास ध्यान
भाजपा इस मंत्रिमंडल विस्तार में न केवल वर्तमान राजनीतिक समीकरण को मजबूत करना चाहती है, बल्कि जातिगत और क्षेत्रीय संतुलन को भी ध्यान में रख रही है। इसी रणनीति के तहत, यादव समाज के प्रतिनिधि गजेंद्र यादव को मंत्री बनाए जाने का फैसला लिया गया है ताकि यादव वोट बैंक में पार्टी की पकड़ और मजबूत हो सके।
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इसी क्रम में, आरंग के विधायक और अनुसूचित जाति समाज के नेता गुरु खुशवंत साहेब को भी मंत्रिमंडल में शामिल करने की संभावना लगभग पक्की मानी जा रही है। इससे अनुसूचित जाति के साथ-साथ विभिन्न सामाजिक वर्गों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जाएगा।
राजनीतिक विश्लेषण
विशेषज्ञ मानते हैं कि भाजपा इस विस्तार के जरिये विधानसभा क्षेत्रीय समीकरण के साथ-साथ जातीय समीकरण को साधकर आगामी चुनावों के लिए अपनी रणनीति को और प्रभावी बनाना चाहती है। दुर्ग और आसपास के इलाकों में यादव समाज की राजनीतिक सक्रियता को देखते हुए गजेंद्र यादव का मंत्री बनना पार्टी की राजनीतिक समझदारी का हिस्सा है।
साथ ही, अनुसूचित जाति के प्रतिनिधि को मंत्रिमंडल में शामिल कर भाजपा विविध वर्गों के बीच अपनी पहुंच बढ़ाने की कोशिश कर रही है। यह कदम भाजपा के सामाजिक आधार को और विस्तारित करेगा।
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मुख्यमंत्री और पार्टी नेतृत्व की भूमिका
छत्तीसगढ़ भाजपा नेतृत्व और मुख्यमंत्री के स्तर पर इस मंत्रिमंडल विस्तार पर अंतिम निर्णय जल्द ही आने की उम्मीद है। पार्टी के अंदर इस योजना को लेकर संतुलन बनाए रखने और सभी वर्गों की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए काम चल रहा है।



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