गुढ़ियारी में गोविंदाओं का जोश, भक्ति और संगीत का संगम: विशाल दही हांडी उत्सव मुख्यमंत्री की उपस्थिति में सफलतापूर्वक संपन्न

गुढ़ियारी में गोविंदाओं का जोश, भक्ति और संगीत का संगम: विशाल दही हांडी उत्सव मुख्यमंत्री की उपस्थिति में सफलतापूर्वक संपन्न

रायपुर : छत्तीसगढ़ की संस्कारधानी रायपुर के गुढ़ियारी स्थित अवधपुरी मैदान में कृष्ण जन्माष्टमी बीके पावन अवसर पर रविवार को ऐतिहासिक विशाल दही हांडी उत्सव सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस भव्य आयोजन का एक विशेष आकर्षण वह क्षण रहा जब दक्षिण कौशल पीठाधीश्वर महंत राजीव दास लोचन ने आयोजन के संयोजक श्री बसंत अग्रवाल को 'धर्म वीर' की उपाधि से सम्मानित किया, जिस पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय कार्यक्रम के संयोजक बसंत अग्रवाल को बधाई दी। मुख्यमंत्री सहित प्रदेश के कई गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति में, सार्वजनिक दही हांडी उत्सव समिति एवं श्री हनुमान मंदिर ट्रस्ट के इस आयोजन में हजारों दर्शकों के उत्साह और गोविंदा टोलियों के जोश ने पूरे माहौल को कृष्णमय बना दिया।

मुख्यमंत्री सहित गणमान्य नागरिकों ने बढ़ाया मान

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा व अरुण साव, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव समेत कई मंत्रीगण और पार्टी के वरिष्ठ नेता शामिल हुए। अपने संबोधन में मुख्यमंत्री साय ने आयोजन की प्रशंसा करते हुए कहा, इस प्रकार के सांस्कृतिक उत्सव छत्तीसगढ़ की पहचान को और मजबूत करते हैं। आयोजक बसंत अग्रवाल और उनकी पूरी टीम ने एक अविस्मरणीय आयोजन किया है, जो प्रदेश के लिए गौरव की बात है।

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सितारों की प्रस्तुति से झूम उठा रायपुर

हर वर्ष की तरह इस साल भी मनोरंजन का विशेष इंतजाम किया गया था। इंडियन आइडल विजेता पवनदीप राजन ने जब अपनी सुरीली आवाज में प्रस्तुति दी, तो पूरा मैदान झूम उठा। वहीं, विश्व विख्यात भजन गायिका गीता बेन रबारी के भजनों ने पूरे वातावरण को भक्तिपूर्ण बना दिया, जिस पर दर्शक भाव-विभोर हो गए। छत्तीसगढ़ की लोकप्रिय गायिका पूनम-दिव्या तिवारी ने भी अपनी प्रस्तुतियों से दर्शकों का दिल जीता। इसके साथ ही, ओडिशा के कलाकारों का पारंपरिक 'घंटा बाजा' और ग्रीस युक्त खंभे पर चढ़ने की प्रतियोगिता भी आकर्षण का केंद्र रही।

कड़े मुकाबले में गोविंदा टोलियों ने दिखाया दम

शाम से शुरू हुई दही-हांडी प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, ओडिशा, मध्यप्रदेश और झारखंड से आई दर्जनों गोविंदा टोलियों ने हिस्सा लिया। 'गोविंदा आला रे' के जयकारों के बीच मानव पिरामिड बनाकर मटकी फोड़ने का रोमांच देखते ही बन रहा था। कई घंटों तक चले कड़े मुकाबले के में सोंझरा समिति ने दही की मटकी फोड़कर पहला एवं दूसरा और तीसरा इनाम सामुहिक समिति ने अपने नाम किया। इसके अलावा, समिति द्वारा अन्य टोलियों को भी सांत्वना पुरस्कार देकर उनका हौसला बढ़ाया गया।

सफल आयोजन पर संयोजक ने जताया आभार

आयोजन की अभूतपूर्व सफलता पर संयोजक बसंत अग्रवाल ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा, "एक छोटे से मोहल्ले से शुरू हुआ यह सफर आज आप सभी के सहयोग और भगवान श्री कृष्ण के आशीर्वाद से एक राष्ट्रीय उत्सव बन चुका है। मुख्यमंत्री जी और सभी अतिथियों की उपस्थिति ने हमारा मान बढ़ाया है।" समिति द्वारा की गई सुरक्षा और व्यवस्था के पुख्ता इंतजामों के कारण हजारों की भीड़ के बावजूद पूरा कार्यक्रम शांतिपूर्ण और व्यवस्थित ढंग से संपन्न हुआ। देर रात तक चले इस उत्सव ने धर्म, संस्कृति और सामाजिक समरसता का एक अद्भुत संदेश दिया।

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