तहसीलदारों के काम पर लौटने के बाद पटवारियों ने किया ऑनलाइन काम का बहिष्कार

तहसीलदारों के काम पर लौटने के बाद पटवारियों ने किया ऑनलाइन काम का बहिष्कार

रायपुर :  तहसीलदारों के काम पर लौटने के बाद दूसरी तरफ 16 अगस्त शनिवार से पटवारियों ने ऑनलाइन कार्यों का बहिष्कार कर दिया है। ऑनलाइन कार्यों के लिए संसाधन समेत संसाधन भत्ता की मांग को लेकर राज्य पटवारी संघ के आवाहन पर राज्यभर के पटवारियों ने ऑनलाइन कार्यों का बहिष्कार कर दिया है। वहीं दूसरी तरफ हड़ताल के दूसरे ही दिन राज्य सरकार ने पटवारियों के लिए संसाधन भत्ता की स्वीकृति दे दी है। शासकीय कार्य हेतु मोबाइल इंटरनेट और लैपटॉप उपयोग करने के एवज में 1100 रुपए प्रतिमाह संसाधन भत्ता दिया जाएगा।

पिछले दिनों तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों ने अपनी मांग व समस्याओं को लेकर प्रदेश स्तर पर हड़ताल किया था। तहसीलदारों के हड़ताल पर चले जाने से राजस्व विभाग का काफी कामकाज प्रभावित हुआ था शासन स्तर पर बातचीत के बाद तहसीलदारों ने हड़ताल समाप्त कर दिया। उनके हड़ताल समाप्त होने के सप्ताह भर बाद 16 अगस्त से पटवारी ने ऑनलाइन कामकाज का बहिष्कार कर दिया और अघोषित रूप से हड़ताल पर चले गए। पटवारी संघ के अनुसार वह मैन्युअल कार्य तो करते रहेंगे किंतु ऑनलाइन काम नहीं करेंगे जबकि उनका ज्यादातर काम ऑनलाइन ही है। वर्तमान में राजस्व विभाग में अधिकांश कार्य ऑनलाइन किया जा रहा है और सारे अभिलेख ऑनलाइन हो चुके हैं। अभिलेखों का अद्यतन कार्य भी ऑनलाइन किया जा रहा है। वर्ष 2017 से अभिलेखों को ऑनलाइन करने के लिए भुइयां एवं भू नक्शा सॉफ्टवेयर लाया गया है। भुइयां के माध्यम से आम जनता को बी–वन खसरा, नक्शा आदि सुगमता से प्राप्त हो रहा है।

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शासकीय भूमि की जानकारी,फसलों की जानकारी,नामांतरण की जानकारी देखा जा सकता है। इसके अलावा शासन की विभिन्न योजनाओं जैसे एग्रीस्टेक , जिओ रिफ्रेशिंग,कृषि संगणना आदि मोबाइल ऐप के माध्यम से किए जा रहे हैं। पटवारी संघ का कहना है कि इन सभी योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए पटवारियों के पास आवश्यक संसाधन जैसे कंप्यूटर,मोबाइल, इंटरनेट, सर्व सुविधायुक्त कार्यालय का अभाव है। जिसके कारण कार्य प्रभावित हो रहा है। पटवारियों को शासन द्वारा संसाधन भत्ता देने की घोषणा की गई है परंतु इस संबंध में आज दिनांक तक कोई आदेश जारी नहीं हुआ है ना ही इसका लाभ पटवारियों को मिल पाया है। पटवारी संघ ने इसके चलते निर्णय लिया है कि यदि 15 अगस्त को संसाधन भत्ता देने संबंधी निर्णय नहीं होता है तो 16 अगस्त से ऑनलाइन कार्यों का बहिष्कार करेंगे। जिसके तहत पटवारियों ने शनिवार से ऑनलाइन कार्यों का बहिष्कार करना शुरू कर दिया है।

मिलेगा 1100 रुपए संसाधन भत्ता-

सिर्फ एक दिन की ही हड़ताल के बाद शासन ने रविवार को आदेश निकालकर पटवारियों को संसाधन भत्ता दिए जाने हेतु बजट में 7 करोड रुपए का प्रावधान किया है। इसके साथ ही पटवारियों को वर्तमान में दी जा रही स्टेशनरी भत्ते को समाहित करते हुए एकमुश्त 1100 रूपये प्रतिमाह संसाधन भत्ते के रूप में दिए जाएंगे। स्टेशनरी भत्ते के रूप में दिए जा रहे ढाई सौ रुपए को नहीं दिया जाएगा। उसकी बजाय अब स्टेशनरी भत्ता संसाधन भत्ते में समाहित हो जाएगा। संसाधन भत्ता के रूप में सिर्फ 1100 रुपए देय होगा।

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धान बेचने से वंचित हो जाएंगे किसान-

पटवारियों के ऑनलाइन कार्यों की हड़ताल से गिरदावरी और डिजिटल क्रॉप के कार्यों में भी दिक्कत आएगी। वर्तमान में गिरदावरी का कार्य चल रहा है जिसमें पटवारियों को खेत में जाकर देखना होता है कि किसान कौन सी खेत में कौन सी फसल लगा रहे हैं। गिरदावरी नहीं होने से किसान फसल बेचने से वंचित हो जाएंगे।

रजिस्ट्री कार्य में भी एक स्पेलिंग मिस्टेक होने पर रजिस्ट्री नहीं होती। इसलिए त्रुटि सुधार के लिए लोग पटवारियों के चक्कर लगाते हैं। यदि पटवारियों की हड़ताल खत्म नहीं होती तो जनता को समस्याओं का सामना करना पड़ेगा इसलिए शासन ने तत्काल संसाधन भत्ता के लिए बजट की स्वीकृति दे दी।









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