महिला एवं बाल विकास की समीक्षा बैठक में कलेक्टर के सख्त निर्देश, तीन दिन में भवनों की रिपोर्ट करें प्रस्तुत

महिला एवं बाल विकास की समीक्षा बैठक में कलेक्टर के सख्त निर्देश, तीन दिन में भवनों की रिपोर्ट करें प्रस्तुत

एमसीबी :  जिला कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी की अध्यक्षता में आज महिला एवं बाल विकास विभाग की परियोजना अधिकारियों, क्षेत्रीय पर्यवेक्षकों, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तथा उनके अधीनस्थ विकासखण्ड स्तरीय अमले की संयुक्त समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में आंगनबाड़ी केन्द्रों के जर्जर एवं मरम्मत योग्य भवनों की जानकारी यथाशीघ्र तीन दिवस के भीतर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए। साथ ही प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के हितग्राहियों को लाभान्वित करने हेतु उनका नियमित पंजीयन करने पर बल दिया गया। कलेक्टर ने भरतपुर क्षेत्र के ग्राम मट्टा, (हर्री) बेनिपुरा, मेहदौली तथा नौढिया में 60 लाख रुपये की लागत से निर्मित चार भवनों की जानकारी दी तथा बताया कि इनका उपयोग आवश्यकता अनुसार किसी भी विभागीय कार्यों एवं गतिविधियों के लिए किया जा सकता है।

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वहीं स्वास्थ्य विभाग के अमले को चिरमिरी नगर निगम क्षेत्र में 10 बिस्तर क्षमता वाले एनआरसी की स्थापना के प्रस्ताव हेतु स्मरण पत्र जारी करने के निर्देश भी दिए गए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अब से प्रत्येक त्रैमास में अति कुपोषित एवं मध्यम कुपोषित बच्चों की स्थिति पर विस्तृत चर्चा की जाएगी और सभी परियोजना अधिकारी एवं पर्यवेक्षक ऐसे हितग्राहियों की स्थिति का समय-समय पर फॉलो अप करते रहेंगे। बैठक में पर्यवेक्षकों द्वारा बताया गया कि आरबीएसके का भ्रमण सेड्यूल एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों में भेंट की तिथि समय से अवगत नहीं हो पाती है, जिससे वे टीम के दौरे के समय उपस्थित नहीं रह पाते। इस पर कलेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया कि भविष्य में आरबीएसके टीम का भ्रमण सेड्यूल परियोजना अधिकारी के माध्यम से सभी पर्यवेक्षकों को पूर्व में उपलब्ध कराया जाए।

बैठक में निर्देशित किया गया कि जिन आंगनबाड़ी केन्द्रों में विद्युत कनेक्शन किया जाना शेष है, उनकी सूची विद्युत विभाग के सक्षम अधिकारी को भेजी जाए तथा कनेक्शन हेतु आवश्यक कार्रवाई की सूचना जिला कलेक्टर को प्रतिलिपि सहित प्रदान की जाए। परियोजना अधिकारियों एवं पर्यवेक्षकों ने बताया कि एनआरसी में बच्चों को भेजने में मितानिनों का अपेक्षित सहयोग नहीं मिल पा रहा है, जबकि इसके लिए उन्हें प्रोत्साहन राशि भी प्रदान की जाती है। इस पर कलेक्टर ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देशित किया कि वे अपने स्तर से सभी मितानिनों को इस संबंध में स्पष्ट निर्देश जारी करें।

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वहीं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों में महिलाओं के स्वास्थ्य परीक्षण हेतु एएनसी टेबल उपलब्ध नहीं है तथा स्वास्थ्य जांच के दौरान पर्दे की व्यवस्था के अभाव में कठिनाई आती है। इस पर जिला कार्यक्रम अधिकारी ने आश्वासन दिया कि महिलाओं के स्वास्थ्य परीक्षण हेतु आंगनबाड़ी केन्द्रों में पर्दा लगाने की व्यवस्था अतिशीघ्र कर ली जाएगी।कलेक्टर ने बैठक में हुई सभी चर्चाओं पर आवश्यक कार्यवाही करने तथा दिए गए दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग एवं अन्य संबंधित अधिकारियों की संयुक्त सहभागिता से सफलतापूर्वक संपन्न हुई।









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