गरियाबंद :- धर्म और आस्था की गंगा में डूबा गरियाबंद बुधवार को भव्य कलश यात्रा का साक्षी बना। राम मंदिर परिसर से प्रारंभ हुई कलश यात्रा देवभोग रोड, तिरंगा चौक, मेन रोड, बाजार चौक होते हुए पुनः मंदिर परिसर में पहुंचकर संपन्न हुई। यात्रा में सैकड़ों महिला श्रद्धालु पीत वस्त्र धारण कर, सिर पर कलश रखे हुए शामिल हुईं। वातावरण में “हरे रामा हरे कृष्णा” और “जय श्रीराम” के जयकारों से पूरा शहर गूंज उठा।
यात्रा के पूर्व कथा स्थल पर हवन-पूजन हुआ और विधिवत श्रीमद्भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ कथा एवं गणेशोत्सव 2025 का शुभारंभ किया गया।
विख्यात कथा वाचक आचार्य पं. श्री प्रेम किशोर शर्मा (तूता नया रायपुर ) ने कथा का प्रारंभ करते हुए कहा –
“श्रीमद्भागवत कथा जीवन के उद्देश्य और दिशा को दर्शाने वाली दिव्य गाथा है। जहां भी कथा होती है, वहां का समूचा क्षेत्र नकारात्मकता से मुक्त होकर सकारात्मक ऊर्जा से आलोकित हो जाता है। कथा की सार्थकता तभी है जब इसे हम अपने आचरण और व्यवहार में धारण करें।”
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उन्होंने आगे कहा कि कथा श्रवण से जन्म-जन्मांतर के विकार नष्ट होकर प्राणी मात्र का लौकिक और आध्यात्मिक विकास होता है।
आगामी कार्यक्रम
•28 से 31 अगस्त : श्रीकृष्ण जन्मोत्सव, नंदोत्सव, बाललीला, कंस वध कथा
•1 सितंबर : रासलीला, उधव चरित्र एवं रुक्मिणी विवाह
•2 सितंबर : सुंदरकांड पाठ, भजन संध्या एवं विशेष प्रवचन
•3 सितंबर : कथा समापन, पूर्णाहुति एवं प्रसाद वितरण
इस भव्य आयोजन के स्वागताध्यक्ष पार्षद छगन यादव ने कहा –
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“गरियाबंद की पावन धरती पर आयोजित यह श्रीमद्भागवत कथा नगरवासियों के लिए सौभाग्य की बात है। यह आयोजन न सिर्फ धार्मिक आस्था को मजबूती देता है बल्कि समाज में प्रेम, एकता और सद्भाव का संदेश भी फैलाता है। समिति की ओर से सभी श्रद्धालुओं से अपील है कि अधिक से अधिक संख्या में सम्मिलित होकर पुण्य लाभ प्राप्त करें।”
कार्यक्रम में प्रतिदिन भजन संध्या, महिला मंडली की प्रस्तुतियाँ, सांस्कृतिक आयोजन और विशाल भंडारा भी रखा गया है।



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