बिलासपुर जिले में दो पुलिसकर्मियों का भ्रष्टाचार उजागर,खुद अवैध शराब बेचने पहुंचे इंस्पेक्टर साहब

बिलासपुर जिले में दो पुलिसकर्मियों का भ्रष्टाचार उजागर,खुद अवैध शराब बेचने पहुंचे इंस्पेक्टर साहब

बिलासपुर: रतनपुर क्षेत्र के पोड़ी गांव में अनोखा मामला सामने आया है। रतनपुर थाने में पदस्थ आरक्षकों ने कुंआजती गांव में कोचिए (अवैध शराब बेचने वाले) से शराब पकड़ ली। इसके बाद उससे लेनदेन कर मामले को दबा दिया। आरक्षक जब्त शराब को दूसरे कोचिए के पास खपाने के लिए पहुंच गए। कोचिए को शराब बेचने के बाद आरक्षक निकल गए।

इधर शराब लेकर जा रहे दो कोचियों को गांव के लोगों ने पकड़ लिया। पूछताछ में पूरे मामले का पर्दाफाश हो गया। इसके बाद मंगलवार की रात पोड़ी गांव में पंचायत बुलाई गई, जहां पर दोनों आरक्षकों ने गांववालों से माफी मांगी है। यह मामला पूरे गांव में चर्चा का विषय बन गया है।

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यह है पूरा मामला

बता दें कि रतनपुर थाने में पदस्थ आरक्षक संजय खांडे एक अन्य आरक्षक के साथ सोमवार को कुंआजती गांव पहुंचा था। वहां पर आरक्षकों ने एक शराब कोचिए को 50 लीटर शराब के साथ पकड़ लिया। दोनों आरक्षक शराब जब्त कर कोचिए को थाने ला रहे थे। रास्ते में उन्होंने 40 हजार और शराब लेकर कोचिए को छोड़ दिया। इसके बाद आरक्षकों ने दूसरे कोचिए से संपर्क किया। कोचिए को शराब देकर आरक्षकों ने रुपये लिए।

गांव वालों ने युवक को पकड़ा

इसके बाद आरक्षक लौट गए। इधर गांव के लोगों ने पोड़ी के जंगल से शराब लेकर जा रहे युवकों को पकड़ लिया। उन्होंने युवकों से पूछताछ की तो पूरा मामला सामने आ गया। तब गांव के लोगों ने युवकों को पुलिस के हवाले करने की तैयारी कर ली। इसी बीच किसी ने गांव के लोगों को पूरा मामला गांव में ही सुलझा लेने की समझाइश दी। तब मंगलवार की रात गांव में पंचायत बुलाई गई। इसमें गांव के प्रमुख लोगों के साथ सरपंच, उपसरपंच और पंच शामिल हुए। पंचों ने दोनों आरक्षकों को गांव में बुलाया।

तब दोनों आरक्षक गांव आने के लिए आनाकानी कर रहे थे। जब गांव के लोगों ने अधिकारियों के पास शिकायत करने की बात कही तब दोनों आरक्षक गांव पहुंचे। उन्होंने गांव के लोगों से माफी मांगी। इसके बाद गांव के लोगों ने दोनों आरक्षकों को इस तरह की हरकत नहीं करने की समझाईश दी थी।

अधिकारियों को मिली थी जानकारी, फिर दबा दिया मामला

आरक्षकों की इस करतूत की जानकारी दूसरे ही दिन अधिकारियों को भी मिल गई थी। इसके बाद भी आरक्षकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। इधर आरक्षकों ने दूसरे ही दिन जाकर जिसके मोबाइल से बातचीत रिकार्ड की गई थी, उससे संपर्क किया। उन्होंने उससे मोबाइल से कॉल रिकार्डिंग डिलीट करा दिया। अब अधिकारी मामले की जांच करने के बजाए आरक्षकों को निर्दोष बता रहे हैं।

आसपास के गांव में हो रही चर्चा

आरक्षकों की इस करतूत और पोड़ी गांव में हुई बैठक की चर्चा रतनपुर और उसके आसपास के गांव में चल रही है। इधर पोड़ी और कुंआजती गांव में कोचिए और पुलिस की मिलीभगत को लेकर गांव के लोग नाराजगी भी जाहिर कर रहे हैं। इसके बाद पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं किए जाने को लेकर भी तरह-तरह की चर्चा की जा रही है।

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एसएसपी ने कहा- ऐसी हरकत बर्दाश्त नहीं

मामले में एसएसपी रजनेश सिंह ने कहा कि मामला उनके संज्ञान में आया है। मामले की जांच कराई गई है। आरक्षकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि जिले में सूखा नशा और शराब पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। इस मामले में लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों पर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।








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