रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में अवैध कॉलोनियों का जाल तेजी से फैल रहा है. निगम की रिपोर्ट के अनुसार, राजधानी में 329 अवैध कॉलोनियां चिन्हांकित की गई हैं, लेकिन कार्रवाई सिर्फ 40 पर ही हो पाई है.
बिल्डरों की मनमानी से लोग फंसे हुए हैं, जहां न सड़क है न बिजली-पानी. सरकार का कहना है कि अवैध कॉलोनियों से बड़ा राजस्व नुकसान हो रहा है. अब मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ किफायती जन आवास नियम 2025 लागू किया जा रहा है. इस पॉलिसी का मकसद निम्न और मध्यम वर्ग को वैध और सस्ते घर उपलब्ध कराना है, ताकि अवैध प्लॉटिंग पर लगाम लगाई जा सके और सभी को पक्का घर मिल सके.
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रायपुर नगर निगम की रिपोर्ट बताती है कि सबसे ज्यादा 107 अवैध कॉलोनियां जोन-10 में पाई गईं, जबकि जोन-2 में सिर्फ 1 अवैध कॉलोनी मिली है. बिल्डरों की मनमानी और अवैध प्लॉटिंग से शहर की सूरत और सेहत दोनों बिगड़ रही है. अव्यवस्थित निर्माण से जलभराव, ट्रैफिक जाम और मूलभूत सुविधाओं की कमी आम हो गई है. कई परिवार ठगे गए हैं. विजय कुमार साहू जैसे लोग बताते हैं कि उन्होंने सपनों का घर खरीदा, लेकिन वहां नाली, सड़क और बिजली-पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं तक नहीं हैं. नगरीय प्रशासन का कहना है कि अवैध कॉलोनियों से राजस्व का बड़ा नुकसान होता है. मंत्री और डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा कि अवैध मकानों और कॉलोनियों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी. हालांकि अब तक धीमी कार्रवाई पर सवाल खड़े हो रहे हैं.
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