भाजपा सरकार में छत्तीसगढ़ बन गया है “हड़तालगढ़“  : वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा

भाजपा सरकार में छत्तीसगढ़ बन गया है “हड़तालगढ़“ : वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा

रायपुर :  मितानिनों के आंदोलन पर सरकार की बर्बरता की निंदा करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भाजपा की सरकार ने हर वर्ग के साथ वादाखिलाफी किया है। एनजीओ के तहत कार्यरत मितानिन बहनों का भविष्य सरकार की दुर्भावना के चलते अधर में हैं, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत नियुक्ति देने का वादा किया था लेकिन न एनजीओ का कार्यकाल बढ़ाया न ही, नियुक्ति दी, कई महीनों से वेतन भी नहीं मिल पा रहा है। पंचायत सचिव, पटवारी, तहसीलदार, विद्या मितान, अतिथि शिक्षक, एनएचएम कर्मचारी, शिक्षक, सफाई कर्मचारी, रसोइयों, कर्मचारी अधिकारी संघ के आंदोलनों के साथ ही प्रदेश भर के 75 हजार मितानिन बहनें भी अपनी जायज मांगों को लेकर पिछले सात महीनों से आंदोलित हैं, विगत 27 अगस्त से नियमित हड़ताल पर बैठी हैं, मोदी की गारंटी के नाम पर जो वायदे भाजपा ने 2023 के विधानसभा चुनाव के दौरान मितानिन बहनों से किया गया था उसी को पूरा करने की मांग है, लेकिन सत्ता के अहंकार में भाजपा सरकार कर्मचारियों से किए वायदे से मुकर रही है।प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार अपनी वादाखिलाफी को छुपाने बर्बरता पर उतर आई है।

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अलग अलग जिलों से आने वाली मितानिन बहनों को बल पूर्वक रोका गया, जिससे आक्रोशित होकर राजिम गरियाबंद मार्ग पर मितानिनों को हाईवे जाम करना पड़ा, आंदोलित कर्मचारियों को गाड़ियों में डालकर जबरिया सुनसान जगहों पर छोड़े गए, बालोद, दुर्ग, बिलासपुर, रायगढ़, सरगुजा सहित पूरे प्रदेश में सत्ता के इशारे पर तरह तरह से अत्याचार किए गए सरकार का नैतिक साहस नहीं है कि आंदोलित कर्मचारियों से चर्चा कर समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाए।प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के तमाम नेता कर्मचारी संगठनों के मंच पर बिना बुलाए आकर उनके मांगों को मोदी की गारंटी के तहत पूरा करने का वादा करते थे अब सरकार में आने के बाद यू टर्न मार लिए। पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार ने मितानिनों के मानदेय में मैं वृद्धि की थी उनका कार्यकाल बढ़ाया था लेकिन भाजपा की सरकार आने के बाद से प्रदेश में कार्यरत 75000 मितानिन बहनों का भविष्य अधर में लटक गया है वादे के अनुसार ना राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में शामिल किया जा रहा है, न ही मोदी की गारंटी के अनुसार 50 प्रतिशत की वृद्धि उनके मानदेय में किया गया। मितानिनों के हड़ताल से प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हो चुकी है सरकार हठ धर्मिता छोड़कर मितानिन बहनों की मांगों को तत्काल पूरा करना होगा।









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