ट्रंप के टेक डिनर में शामिल होंगे 5 इंडियन-अमेरिकी CEO

ट्रंप के टेक डिनर में शामिल होंगे 5 इंडियन-अमेरिकी CEO

नई दिल्ली :  अमेरिका में इमिग्रेशन और विदेशी कर्मचारियों को लेकर बढ़ती नाराजगी के बीच व्हाइट हाउस में बड़ा टेक्नोलॉजी डिनर होने जा रहा है। इस डिनर में दुनिया के दिग्गज टेक लीडर्स शामिल होंगे, जिनमें पांच भारतीय-अमेरिकी CEO भी मौजूद रहेंगे।

यह बैठक व्हाइट हाउस के नए सजे-धजे रोज गार्डन में आज होगी। डोनाल्ड ट्रंप ने यह डिनर ऐसे समय रखा है, जब उन्होंने दुनिया में टैरिफ वॉर (Trump Tariffs) छेड़ रहा है और भारत पर सबसे ज्यादा 50 फीसदी का भारी-भरकम टैरिफ लगाया है।

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रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रंप के डिनर में माइक्रोसॉफ्ट के सत्या नडेला, गूगल के सुंदर पिचाई, माइक्रोन टेक्नोलॉजीज के संजय मेहता, TIBCO चेयरमैन विवेक रणदिवे और पैलंटिर के CTO श्याम शंकर शामिल होंगे।

इनके अलावा एपल के टिम कुक, ओपनएआई के सैम ऑल्टमैन, मेटा के मार्क जुकरबर्ग, ओरैकल की सफरा कैट्ज़ और बिल गेट्स भी आमंत्रित हैं। हालांकि, सबसे बड़ा नाम जो नदारद है, वो हैं टेस्ला और स्पेसएक्स के मालिक एलन मस्क।

ट्रंप की डिनर पार्टी का एजेंडा क्या है? 

हालांकि, व्हाइट हाउस ने डिनर के एजेंडे पर ज्यादा जानकारी नहीं दी है। लेकिन संकेत मिल रहे हैं कि AI और उभरती टेक्नोलॉजी प्रमुख विषय रहेंगे। हाल ही में फर्स्ट लेडी मेलानिया ट्रंप ने AI शिक्षा पर एक मीटिंग भी होस्ट की थी। इवेंट का समन्वय व्हाइट हाउस के क्रिप्टो और AI प्रमुख डेविड ओ. सैक्स कर रहे हैं।

इंडियन CEO की मौजूदगी खास

डिनर में भारतीय-अमेरिकियों की मजबूत मौजूदगी खास ध्यान खींच रही है। ऐसे वक्त में जब ट्रंप-समर्थक मेक अमेरिका ग्रेट अगेन (MAGA) ग्रुप H-1B वीजा और भारतीय कर्मचारियों को अमेरिकी नौकरियां छीनने वाला बता रहा है, यह मीटिंग नए संकेत देती है। लौरा लूमर और स्टीव बैनन जैसे MAGA चेहरों ने H-1B वीज़ा प्रोग्राम को 'अमेरिका फर्स्ट' पॉलिसी के खिलाफ बताया है।

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ये इंडियन CEO नहीं होंगे शामिल?

इसके बावजूद ट्रंप प्रशासन का यह कदम बताता है कि भारतीय मूल के दिग्गज और भारत से जुड़ी टेक कंपनियां अमेरिका की टेक इंडस्ट्री में कितनी अहम हैं। हालांकि, गौर करने वाली बात यह भी है कि कुछ बड़े भारतीय मूल के CEO जैसे IBM के अरविंद कृष्णा और एडोबी के शांतनु नारायण इस डिनर में शामिल नहीं होंगे।

हालांकि, यह साफ है कि एक तरफ MAGA गुट विदेशी कर्मचारियों का विरोध कर रहा है, तो दूसरी तरफ ट्रंप व्हाइट हाउस भारत और भारतीय-अमेरिकी टैलेंट की अहमियत को नज़रअंदाज़ नहीं कर सकता।









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