पूर्व पटवारी ने कर दिया खेला: विजयपुर में पांच साल में कई टुकड़ों में बिक गई आवंटन जमीनें

पूर्व पटवारी ने कर दिया खेला: विजयपुर में पांच साल में कई टुकड़ों में बिक गई आवंटन जमीनें

रायगढ़ :  विजयपुर में सरकार ने गरीब भूमिहीनों को जीवन-यापन के लिए एक-एक एकड़ भूमि आवंटित की थी। कालांतर में उन लोगों ने जमीन के मालिक होने का दावा करते हुए इसे टुकड़ों में बेच दिया। खेतिहर जमीन आवासीय में बदल गई और शासन के हाथ से उतनी भूमि भी निकल गई। विजयपुर में पिछले पांच साल में कई आवंटन जमीनें बिक चुकी हैं, जिसमें पूर्व पटवारी की भूमिका संदेहास्पद है। जमीनों की खरीदी-बिक्री में पटवारी की भूमिका सबसे अहम होती है। वह चाहे तो किसी की भी जमीन भी बेच सकता है। शासकीय आवंटन भूमि को जिस तरह बेचा गया है, वह जांच का विषय है।

विजयपुर में पांच साल में सबसे ज्यादा आवंटन भूमि बेची गई। यहां आदिवासियों को जमीन आवंटन किया गया है। बिना कलेक्टर की अनुमति के आदिवासी और आवंटन भूमि को बेचा गया है जो अपराध है। मिली जानकारी के मुताबिक पूर्व पटवारी ने तो कई जमीनें निपटा दी। 2024 में विजयपुर में एक सरकारी आवंटन जमीन के सात टुकड़े बेच दिए गए। इसका नामांतरण आदेश भी हो गया। इसके पहले भूमि का डायवर्सन किया गया। जबकि आवंटित भूमि सिर्फ कृषि कार्य के लिए दी गई थी। खसरा नंबर 4/6 रकबा 0.405 हे. का आवंटन सरकार ने आदिवासी व्यक्ति प्रमोद भगत पिता शिवनारायण भगत को किया था ताकि वह कृषि कार्य कर सकें।

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मूल खसरा नंबर 4 राजस्व अभिलेखों में छोटे बड़े झाड़ के जंगल के रूप में दर्ज था। इसमें से स्कूल के लिए खनं 4/1 रकबा 2.051 हे. सुरक्षित रखा गया है। इसके बाद कई लोगों को इसी खसरे से एक-एक एकड़ भूमि का आवंटन किया गया। खनं 4/6 प्रमोद भगत को आवंटित किया गया। बिना कलेक्टर की अनुमति के इस जमीन का प्रयोजन बदलकर विक्रय किया गया है। खसरा नंबर 4/6 में से सात लोगों को जमीन बेची गई है। इनके नाम पर नामांतरण भी हो चुका है। लेकिन नक्शा बटांकन नहीं होने के कारण नए टुकड़े तो दिख रहे हैं लेकिन 4/6 भी पूर्व की तरह ही है। अब खनं 4/6 में केवल 0.050 हे. भूमि ही शेष बची है।

खसरा नंबर 4 और 5 का यही हाल

मूल खसरा नंबर 4 रोड के दोनों ओर फैला हुआ है। स्कूल के लिए जमीन दाहिनी ओर छोड़ी गई है। जबकि बाईं ओर सारी जमीन आवंटित की गई है। पूरी जमीन मेन रोड किनारे स्थित है। सभी आवंटियों ने जमीनों को छोटे टुकड़े में बेच दिया। पूर्व और वर्तमान पटवारी ने जमीनों को बिकवाने में मुख्य भूमिका निभाई है। खनं 5 में भी इसी तरह से किया गया है। एसडीएम रायगढ़ ने जांच शुरू की है।

किसको-किसको बेची जमीन

प्रमोद भगत ने खसरा 4/6 से के सात टुकड़े बेचे। खनं 4/23 रकबा 0.0230 हे. मेहत्तर सिदार, 4/24 रकबा 0.0230 हे. कोमल सिंह, 4/25 रकबा 0.0230 हे. महेश्वरी सिदार, 4/26 रकबा 0.0190 हे. पदुम लाल परजा, 4/27 रकबा 0.0230 हे. तिलकराम सिदार, 4/28 रकबा 0.0220 हे. रश्मि राठिया और 4/29 रकबा 0.2670 हे. सुजाता सिंह के नाम पर अपडेट कर दिया गया है। खनं 4/29 का नक्शा अपडेट नहीं किया जा सका है। अब प्रमोद भगत के पास 0.050 हे. रकबा ही शेष बचा है। 








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