नगर पालिका की लापरवाही पर भारी पड़ा एक आम नागरिक का जज्बा,अपने खर्चे से कराया सड़कों के गड्ढों का मरम्मत

नगर पालिका की लापरवाही पर भारी पड़ा एक आम नागरिक का जज्बा,अपने खर्चे से कराया सड़कों के गड्ढों का मरम्मत

मुंगेली : नगर पालिका परिषद जहाँ करोड़ों रुपये के विकास कार्यों और योजनाओं के नाम पर बड़े-बड़े दावे करती है, वहीं जमीनी हकीकत कुछ और ही कहानी बयां करती है। नगर की सड़कों का हाल बेहाल है, गली-मोहल्लों से लेकर मुख्य मार्गों तक जगह-जगह गड्ढे और धूल-मिट्टी नागरिकों की परेशानी बढ़ा रहे हैं। ऐसी स्थिति में एक आम नागरिक ने अपने दम पर वह काम कर दिखाया है, जिसे करने की जिम्मेदारी प्रशासन और नगर पालिका परिषद की थी।

रामगढ़ निवासी गिरधर सोनी ने नगर की प्रमुख सड़कों पर फैले गड्ढों को भरने का बीड़ा उठाया और अपनी जेब से खर्च कर मरम्मत कार्य करवाया। सोनी का यह कदम न केवल नगरवासियों के लिए राहत साबित हुआ है, बल्कि प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है।

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मुख्य मार्गों पर हुआ रिपेयरिंग कार्य

गिरधर सोनी ने अपने निजी खर्च से जिन मार्गों की मरम्मत करवाई, उनमें रामानुज देवांगन द्वार से गोलबाजार, बड़ा बाजार से लेकर पुलपारा मार्ग शामिल हैं। इसके अलावा खर्राघाट मार्ग और लोरमी बाईपास पुल पर बने गहरे और खतरनाक गड्ढों को भी पाटकर आमजन के लिए आवागमन को सुगम बनाया गया।

मरम्मत कार्य में सहयोग कर रहे राजमिस्त्री महादेव खांडे ने बताया कि पूरे काम का खर्च गिरधर सोनी स्वयं उठा रहे हैं। बिना किसी शासकीय सहायता या अनुदान के उन्होंने निजी स्तर पर सड़कों की हालत सुधारने का सराहनीय प्रयास किया है।

जनता की नाराज़गी, नगर प्रशासन पर सवाल
नगरवासियों का कहना है कि नगर पालिका परिषद लगातार टैक्स और विभिन्न शुल्क तो वसूलती है, लेकिन सड़क, नाली, पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं के मामले में पूरी तरह विफल साबित हो रही है। शहर की प्रमुख सड़कों पर महीनों से गड्ढे बने हुए थे, जिनकी ओर प्रशासन ने कोई ध्यान नहीं दिया। नागरिकों का प्रश्न है कि जब नगर पालिका करोड़ों के बजट से विकास कार्यों का दावा करती है, तो क्या गड्ढों को भरने के लिए कुछ लाख रुपये भी नहीं खर्च किए जा सकते? आखिर जनता की गाढ़ी कमाई से वसूले गए टैक्स का सही उपयोग क्यों नहीं हो रहा?

अनुकरणीय मिसाल बने गिरधर सोनी
लोगों का मानना है कि गिरधर सोनी का यह कार्य समाज के लिए एक प्रेरक उदाहरण है। उन्होंने यह साबित किया है कि यदि जिम्मेदार संस्था काम न करे, तो भी एक जागरूक नागरिक अपने दम पर बदलाव ला सकता है। नगरवासी उनके इस कदम की खुलकर सराहना कर रहे हैं और कह रहे हैं कि यह काम असल में नगर पालिका परिषद का था। सोनी के इस प्रयास ने न केवल लोगों की परेशानी कम की है बल्कि प्रशासन की लापरवाही को भी उजागर कर दिया है। नगरवासी अब उम्मीद जता रहे हैं कि इस उदाहरण से प्रेरित होकर नगर पालिका परिषद भी जागेगी और जिम्मेदारी से शहर की टूटी-फूटी सड़कों को सुधारने का काम करेगी।

नागरिकों की राय

“गिरधर सोनी ने अपने खर्च से जो काम किया है, वह सराहनीय है। हमें उम्मीद है कि प्रशासन भी अब जागेगा।” – स्थानीय व्यापारी “नगर पालिका की निष्क्रियता साफ दिखाई दे रही है।

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सोनी ने एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है।” – समाजसेवी

“यदि जनता ही सड़कें सुधारेगी तो फिर नगर पालिका की जिम्मेदारी क्या है?” – आम नागरिक मुंगेली नगर की स्थिति यह दर्शाती है कि प्रशासन और जिम्मेदार विभाग कितने लापरवाह हैं। लेकिन इस बीच गिरधर सोनी जैसे नागरिक समाज के लिए उम्मीद की किरण बनकर सामने आते हैं। उन्होंने अपने खर्च से गड्ढों की मरम्मत कर यह संदेश दिया है कि बदलाव की शुरुआत एक व्यक्ति से भी हो सकती है। अब देखना यह होगा कि नगर पालिका परिषद कब अपनी जिम्मेदारी निभाती है और कब नगरवासी वास्तविक विकास कार्यों का लाभ उठा पाएँगे।









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