ग्रामीणो के ज़मीन अधिग्रहण को लेकर एस ई सी एल प्रबंधन के दरमियान छिड़ी महाभारत -  ग्रामीणों ने कहा नहीं देंगे अपनी जमीन

ग्रामीणो के ज़मीन अधिग्रहण को लेकर एस ई सी एल प्रबंधन के दरमियान छिड़ी महाभारत - ग्रामीणों ने कहा नहीं देंगे अपनी जमीन

सरगुजा : अमेरा खुली खदान विस्तार के लिए जमीनदारो से जमीन अधिग्रहण को लेकर एस इ सी एल प्रबंधन और ग्रामीण आमने-सामने आ गये हैं जमीन अधिग्रहण को लेकर विवाद की महाभारत छिड़ गई है। विरोध की धारा प्रवाह तेज हो गया है। ग्राम परसोडीकला के ग्रामीण बड़े आंदोलन करने के तैयारी में एकजुट हो गये है। 8 सितंबर दिन सोमवार की दोपहर लगभग 12 बजे गांव में खदान विस्तार के विरोध को लेकर एक बैठक आयोजित की गई थी। हजारों की संख्या में बैठक की समर्थन करते हुये ग्रामीण महिला पुरुषों सभा में शामिल हुये ।

अमेरा खुली खदान विस्तार के लिए जमीन अधिग्रहण किये जाने को लेकर क्षेत्रवासी पहले से ही पुरजोर विरोध कर रहे हैं। विस्थापन मुवावजा, खदान में नौकरी सड़क निर्माण, मूलभूत सुविधाएं देने जैसे कई मुद्दों को लेकर एस ईसीएल प्रबंधन और ग्रामीण आमने-सामने होते रहे।अब ग्राम परसोडी कला में जमीन अधिग्रहण का मामला गरमाया हुआ है।ग्रामीणों तथा खदान प्रबंधन के दरमियान विरोध का द्वंद युदध छिड़ गया है।जमीनदार ग्रामीण अपनी जमीन बचाने के लिए जान देने और लेने पर आमादा हो गये हैं।

दरअसल पूरा मामला सरगुजा जिले के लखनपुर विकासखंड के ग्राम परसोडीकला का है। ग्रामीणों का आरोप है कि ग्राम सभा की अनुमति बिना एसईसीएल प्रबंधन ग्रामीणों के हित को दरकिनार करते हुये अमेरा खुली खदान विस्तार को लेकर परसोडीकला के सीमावर्ती जमीनदार लोगों के पट्टे की नीजी जमीन पर रास्ता बनाकर बलपूर्वक नाजायज़ तरीके से भूमि अधिग्रहण करने की तैयारी कर रही है। जबरदस्ती जमीन हथियाने का गैरकानूनी तरीकादो माह पहले सामने आ चुका है। जहां बलपूर्वक अमेरा खदान के अधिकारियों द्वारा बाहर से पुलिस फोर्स बुलाकर ग्रामवासियों के निस्तार की शासकीय मुंडा (तालाब) और खेतों में लगे खड़ी फसल में हाइड्रा और जेसीबी मशीन चलाकर भूमि अधिग्रहण किये जाने का कोशिशकिया जा रहा था।

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ग्रामीणों ने अपने हक़ की जमीन को बचाने के लिए जमकर विरोध किया । ग्रामीणों की मानें तो अमेरा खदान के अधिकारियों द्वारा खदान विस्तार को लेकर ग्रामीण पर दबाव बनाते हुये उनके स्वामित्व की जमीन को छीनने की हरसंभव प्रयास कर रही है ।गांव के सीमा पर ग्रामीण अपनी जमीन और फसल बचाने तिरपाल तंबू लगाकर धरने पर बैठे हुए हैं। आरोप है कि अमेरा खुली खदान के अधिकारियों ने प्रशासन से मिलकर हम ग्रामीणों पर दबाव बनाते जमीन अधिग्रहण करने की कोशिश कर रही है। जमीन पाने की लालसा में सारी हदें पार करते हुए ग्रामीणों को झूठे आरोप में फसाने की साज़िश की जा रहा है। इस हरकत से तंग परसोडीकला के ग्रामीणों ने सरगुजा कलेक्टर एसडीएम तहसीलदार और क्षेत्रीय विधायक के सम्मुख आवेदन देकर खदान विस्तार पर रोक लगाए जाने फरियाद की थी। लेकिन ग्रामीणो के पेश आवेदनों का कोई निष्कर्ष आज तक निकल कर सामने नहीं आया । इस बात से खफा ग्रामीण काफी आक्रोशित हैं ।

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अमेरा खुली खदान विस्तार के लिए जबरिया ज़मीन अधिग्रहण किये जाने को लेकर ग्रामीणों का विरोध फूट पड़ा है। कभी भी एक बड़ा आंदोलन का रूप अख्तियार कर सकता है।ग्रामीण महिलाओं का कहना है कि जैसे देश के आजादी और स्वराज के खातिर गोरे अंग्रेजों से झांसी के रानी लक्ष्मीबाई को लड़ाई लड़ीनी पडी थी उसी तरह अपने जमीन बचाने के लिए हमें लड़ाई लड़नी होगी। अपने धरती माता तथा हक़के लिए हम जान दे भी सकते हैं और जान ले भी सकते हैं।इस आंदोलन मेंपूर्व जनपद सदस्य धर्मेंद्र कुमार झारिया, गोवर्धन राजवाड़े, सरपंच करिश्मा सिंह, पूर्व सरपंच नंदलाल सहित आसपास गांव के ग्रामीण जन काफी संख्या में उपस्थित रहे।









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