हजारीबाग के आईसेक्ट विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिक डॉ अरविंद कुमार ने किसानों को सागवान, चंदन, यूकेलिप्टस, पॉपुलर और सफेद सिरस के पेड़ लगाने की सलाह दी है. उन्होंने कहा किसान इससे जबरदस्त कमाई कर सकते हैं.
खेती के साथ-साथ वृक्ष के जरिए कमाई करना किसानों के लिए फायदे का सौदा हमेशा से रहा है. कुछ सालों से किसान पारंपरिक खेती के साथ-साथ अपने खेतों के किनारे मेड़ पर पेड़ों के कई तरह के वृक्ष लगा रहे हैं.
ऐसे में किसान बंधुओं के सामने सबसे बड़े परेशानी इस बात की रहती है कि वह कौन से वृक्ष लगाए, जिससे उनकी आय में इजाफा होने के साथ-साथ खेती भी प्रभावित न हो. साथ ही उन्हें जबरदस्त मुनाफा भी हो.
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इस विषय पर हजारीबाग के आईसेक्ट विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर अरविंद कुमार बताते हैं कि किसान बंधु अपने खेत के मेड़ के ऊपर वृक्ष रोपण कर खुद का ग्रीन बंद तैयार कर सकते हैं. आने वाले 10 सालों में या बैंक उन्हें बंपर मुनाफा देगा. ऐसे में किसान बंधु इन इन 5 पेड़ों का चयन कर सकते हैं.
उन्होंने आगे बताया कि किसान बंधु अपने खेत में सागवान के पौधे लगा सकते हैं. इसकी लकड़ी काफी उपयोगी और कीमती होती है. इसका प्रयोग घर के फर्नीचर और सजावटी सामान बनाने के लिए होता है. इसके पौधे 15 से 20 साल के बाद तैयार हो जाते हैं. जिन्हें काटकर बाजार में बेच सकते हैं.
उन्होंने आगे बताया कि पूर्व के समय में चंदन की खेती केवल खास जगह ही संभव थी, लेकिन अब ऐसी तकनीक आ गई है कि किसान बंधु अपने खेत के मेड़ के ऊपर भी हाइब्रिड चंदन की खेती लगा सकते हैं. इसकी लकड़ी हमेशा से महंगी बिकती है.
उन्होंने आगे बताया कि किसान बंधु अपने खेत के अगल-बगल यूकेलिप्टस का पेड़ लगा सकते हैं या पेड़ बेहद तेजी से विकसित होता है और 8 से 10 सालों में ही कटाई के योग्य हो जाता है. इसकी लकड़ी का उपयोग कागज माचिस फ्लाई इत्यादि बनाने में होता है जिस कारण से इसकी डिमांड बाजार में रहता है.
उन्होंने आगे बताया कि किसान बंधु अपने खेतों के किनारे पॉपुलर की लकड़ी भी लगा सकते हैं. 6 से 8 सालों में पॉपुलर की लकड़ी बिकने लायक हो जाती है और कई उत्पादों में इसकी लकड़ी की डिमांड रहती है बाजार में इसका अच्छा मूल्य मिल जाता है.
उन्होंने आगे बताया कि किसान बंधु सफेद सिरस की लकड़ी भी अपने खेतों के अगल-बगल लगा सकते हैं. इसकी लकड़ी हल्की और टिकाऊ होने के कारण से जानी जाती है. फर्नीचर प्लाईवुड इत्यादि कई चीजों में इसका इस्तेमाल होता है और सरकार भी लकड़ी की खेती के लिए बढ़ावा देती है

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