जिला न्यायालय बेमेतरा में नेशनल लोक अदालत का आयोजन

जिला न्यायालय बेमेतरा में नेशनल लोक अदालत का आयोजन

बेमेतरा टेकेश्वर दुबे :  आज जिला न्यायालय बेमेतरा में वर्ष 2025 का तीसरा नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया।  बृजेन्द्र कुमार शास्त्री, प्रधान जिला न्यायाधीश / अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा दीप प्रज्जवलन कर लोक अदालत का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर उपस्थित न्यायाधीशगण, अधिवक्तागण एवं न्यायिक कर्मचारियों को अधिक से अधिक प्रकरणों का निराकरण करने हेतु प्रोत्साहित कर शुभकामनाएं दी गईं। अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बेमेतरा ने कहा कि लोक अदालत पक्षकारों के बीच लंबे समय से चली आ रही वैमनस्यता को समाप्त करने का उत्कृष्ट माध्यम है। यह राष्ट्र सेवा का कार्य है, जिसमें सभी को बढ़-चढ़कर सहभागिता करनी चाहिए। न्यायालय में लंबित मामलों का समाधान कर सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाना राष्ट्र के विकास में सहयोग है।

लोक अदालत में जिला न्यायालय प्रांगण में जिलेभर से पक्षकार उपस्थित हुए। उनकी सुविधा के लिए विधिक सहायता डेस्क, स्वास्थ्य डेस्क, स्वचलित चिकित्सकीय वेन तथा बैंक, विद्युत विभाग एवं फाइनेंस कंपनियों के डेस्क लगाए गए। आयोजन हेतु जिला न्यायालय में 8 खण्डपीठ तथा तहसील साजा न्यायालय में 1 खण्डपीठ गठित कर कुल 9 खण्डपीठ का गठन किया गया, जिनमें दो-दो सुलहकर्ता सदस्यों की नियुक्ति की गई। आयोजन में न्यायालयीन कर्मचारी, पैरालीगल वालंटियर्स, जिला प्रशासन, पंचायतें, नगर पालिका, विद्युत विभाग, बैंक सहित अन्य विभागों का सहयोग प्राप्त हुआ।

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3 करोड़ 54 लाख 10 हजार रुपये की अवार्ड राशि वितरित

जिले में 9477 प्री-लिटिगेशन व लंबित प्रकरण निराकरण हेतु रखे गए थे। इनमें से राजस्व, विद्युत विवाद, बैंक एवं बीएसएनएल प्रकरणों का निराकरण कर कुल ₹39,88,867 की वसूली की गई।

न्यायालय में लंबित 35 आपराधिक प्रकरण, 14 सिविल प्रकरण, 28 पारिवारिक प्रकरण, 26 एनआई एक्ट धारा 138 प्रकरण, 22 मोटर दुर्घटना दावा तथा 2319 अन्य प्रकरणों का निराकरण कर कुल ₹3,14,21,419 का अवार्ड पारित किया गया। इस प्रकार जिले में कुल ₹3,54,10,286 की समझौता राशि वसूली गई।

जनजागरूकता गतिविधियाँ

नालसा एवं सालसा योजनाओं व अभियानों के प्रचार-प्रसार हेतु जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बेमेतरा द्वारा न्याय वृक्ष, द्वार तोरण एवं रंगोली के माध्यम से कानूनी विषयों पर जागरूकता प्रदर्शनी लगाई गई। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, बाल विवाह, बलात्कार पीड़िता सहायता, साइबर अपराध जैसे विषयों पर पाम्पलेट वितरित किए गए। प्रेरणादायक सुविचार तख्तियों के माध्यम से पक्षकारों को आपसी विवाद दूर कर समझौता करने हेतु प्रेरित किया गया। परिवार की महत्ता बताते हुए परिवार न्यायालय के पक्षकारों को समझाइश दी गई। साथ ही लघु फिल्मों का प्रसारण कर घरेलू हिंसा, लैंगिक अपराध, महिलाओं से छेड़छाड़, साइबर क्राइम एवं मोटर दुर्घटना से संबंधित विषयों पर विधिक जानकारी दी गई। पक्षकारों की सुविधा हेतु बैठक व्यवस्था, पेयजल तथा प्राधिकरण की गतिविधियों की झलकियां भी प्रदर्शित की गईं। लोक अदालत में आये पक्षकारों को पौधों का निःशुल्क वितरण कर प्रोत्साहित किया गया। साथ ही सेल्फी जोन भी रखा गया

प्रमुख प्रकरणों का निराकरण

मोटर दुर्घटना दावा प्रकरण: मृतक मनहरण लहरे की दुर्घटना मृत्यु पर बीमा कंपनी द्वारा परिजनों को ₹20,00,000 क्षतिपूर्ति दी गई। निष्पादन प्रकरण: श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेंस कंपनी लिमिटेड के मामले में ₹8,32,964 के स्थान पर ₹50,000 में समझौता। चोलामंडलम फाइनेंस कंपनी के मामले में ₹2,46,780 की जगह ₹1,82,000 में समझौता हुआ। चेक अनादरण आपराधिक अपील:

आरोपी को मूल न्यायालय ने 3 माह कारावास व ₹3,50,000 प्रतिकर का आदेश दिया था। लोक अदालत में आपसी समझौते से मामला ₹3,00,000 में निराकरण हुआ। पति-पत्नी व भाई-भाई के झगड़े: न्यायाधीशों की समझाइश से आपसी राजीनामा कर लंबे समय से चले आ रहे विवाद समाप्त किए गए। विद्युत विभाग प्रकरण: विष्णु यदु की भैंस करंट लगने से मृत होने पर विभाग ने ₹32,800 मुआवजा दिया। पिता-पुत्र विवाद:भूमि विवाद मामले में पुत्रों ने पिता के जीवनपर्यंत सेवा व साथ निवास का आश्वासन देकर समझौता किया।

परिवार न्यायालय में 28 प्रकरणों का निराकरण, 8 परिवार हुए एक

कुटुम्ब न्यायालय बेमेतरा में कुल 28 प्रकरणों का निपटारा हुआ, जिनमें से 08 दंपत्तियों को पुनः साथ भेजा गया। 63 वर्षीय विधवा मां ने पुत्रों के विरुद्ध परवरिश का मामला दायर किया था। न्यायालय की समझाइश पर पुत्रों ने मां से माफी मांगकर परवरिश का आश्वासन दिया। 09 वर्ष साथ रहने के बाद तलाक का मामला दायर करने वाले पति-पत्नी ने बच्चों की खातिर विवाद समाप्त किया। 20 वर्ष साथ रहने के बाद अलग रह रहे दंपत्ति ने आपसी सहमति से मामला समाप्त किया। न्यायाधीश श्रीमती नीलिमा सिंह बघेल ने काउंसलिंग व समझाइश देकर दंपत्तियों को पुनः जोड़ा। विदा के समय उन्हें नारियल, तुलसी का पौधा एवं सप्तपदी के सात वचन भेंट किए गए।13 सितम्बर 2025:-* आज जिला न्यायालय बेमेतरा में वर्ष 2025 का तीसरा नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। श्री बृजेन्द्र कुमार शास्त्री, प्रधान जिला न्यायाधीश / अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा दीप प्रज्जवलन कर लोक अदालत का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर उपस्थित न्यायाधीशगण, अधिवक्तागण एवं न्यायिक कर्मचारियों को अधिक से अधिक प्रकरणों का निराकरण करने हेतु प्रोत्साहित कर शुभकामनाएं दी गईं। अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बेमेतरा ने कहा कि लोक अदालत पक्षकारों के बीच लंबे समय से चली आ रही वैमनस्यता को समाप्त करने का उत्कृष्ट माध्यम है। यह राष्ट्र सेवा का कार्य है, जिसमें सभी को बढ़-चढ़कर सहभागिता करनी चाहिए। न्यायालय में लंबित मामलों का समाधान कर सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाना राष्ट्र के विकास में सहयोग है।

लोक अदालत में जिला न्यायालय प्रांगण में जिलेभर से पक्षकार उपस्थित हुए। उनकी सुविधा के लिए विधिक सहायता डेस्क, स्वास्थ्य डेस्क, स्वचलित चिकित्सकीय वेन तथा बैंक, विद्युत विभाग एवं फाइनेंस कंपनियों के डेस्क लगाए गए। आयोजन हेतु जिला न्यायालय में 8 खण्डपीठ तथा तहसील साजा न्यायालय में 1 खण्डपीठ गठित कर कुल 9 खण्डपीठ का गठन किया गया, जिनमें दो-दो सुलहकर्ता सदस्यों की नियुक्ति की गई। आयोजन में न्यायालयीन कर्मचारी, पैरालीगल वालंटियर्स, जिला प्रशासन, पंचायतें, नगर पालिका, विद्युत विभाग, बैंक सहित अन्य विभागों का सहयोग प्राप्त हुआ।

3 करोड़ 54 लाख 10 हजार रुपये की अवार्ड राशि वितरित

जिले में 9477 प्री-लिटिगेशन व लंबित प्रकरण निराकरण हेतु रखे गए थे। इनमें से राजस्व, विद्युत विवाद, बैंक एवं बीएसएनएल प्रकरणों का निराकरण कर कुल ₹39,88,867 की वसूली की गई।

न्यायालय में लंबित 35 आपराधिक प्रकरण, 14 सिविल प्रकरण, 28 पारिवारिक प्रकरण, 26 एनआई एक्ट धारा 138 प्रकरण, 22 मोटर दुर्घटना दावा तथा 2319 अन्य प्रकरणों का निराकरण कर कुल ₹3,14,21,419 का अवार्ड पारित किया गया। इस प्रकार जिले में कुल ₹3,54,10,286 की समझौता राशि वसूली गई।

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जनजागरूकता गतिविधियाँ

नालसा एवं सालसा योजनाओं व अभियानों के प्रचार-प्रसार हेतु जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बेमेतरा द्वारा न्याय वृक्ष, द्वार तोरण एवं रंगोली के माध्यम से कानूनी विषयों पर जागरूकता प्रदर्शनी लगाई गई। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, बाल विवाह, बलात्कार पीड़िता सहायता, साइबर अपराध जैसे विषयों पर पाम्पलेट वितरित किए गए। प्रेरणादायक सुविचार तख्तियों के माध्यम से पक्षकारों को आपसी विवाद दूर कर समझौता करने हेतु प्रेरित किया गया। परिवार की महत्ता बताते हुए परिवार न्यायालय के पक्षकारों को समझाइश दी गई। साथ ही लघु फिल्मों का प्रसारण कर घरेलू हिंसा, लैंगिक अपराध, महिलाओं से छेड़छाड़, साइबर क्राइम एवं मोटर दुर्घटना से संबंधित विषयों पर विधिक जानकारी दी गई। पक्षकारों की सुविधा हेतु बैठक व्यवस्था, पेयजल तथा प्राधिकरण की गतिविधियों की झलकियां भी प्रदर्शित की गईं। लोक अदालत में आये पक्षकारों को पौधों का निःशुल्क वितरण कर प्रोत्साहित किया गया। साथ ही सेल्फी जोन भी रखा गया

प्रमुख प्रकरणों का निराकरण

मोटर दुर्घटना दावा प्रकरण: मृतक मनहरण लहरे की दुर्घटना मृत्यु पर बीमा कंपनी द्वारा परिजनों को ₹20,00,000 क्षतिपूर्ति दी गई। निष्पादन प्रकरण: श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेंस कंपनी लिमिटेड के मामले में ₹8,32,964 के स्थान पर ₹50,000 में समझौता। चोलामंडलम फाइनेंस कंपनी के मामले में ₹2,46,780 की जगह ₹1,82,000 में समझौता हुआ। चेक अनादरण आपराधिक अपील:

आरोपी को मूल न्यायालय ने 3 माह कारावास व ₹3,50,000 प्रतिकर का आदेश दिया था। लोक अदालत में आपसी समझौते से मामला ₹3,00,000 में निराकरण हुआ। पति-पत्नी व भाई-भाई के झगड़े: न्यायाधीशों की समझाइश से आपसी राजीनामा कर लंबे समय से चले आ रहे विवाद समाप्त किए गए। विद्युत विभाग प्रकरण: विष्णु यदु की भैंस करंट लगने से मृत होने पर विभाग ने ₹32,800 मुआवजा दिया। पिता-पुत्र विवाद:

भूमि विवाद मामले में पुत्रों ने पिता के जीवनपर्यंत सेवा व साथ निवास का आश्वासन देकर समझौता किया।

परिवार न्यायालय में 28 प्रकरणों का निराकरण, 8 परिवार हुए एक

कुटुम्ब न्यायालय बेमेतरा में कुल 28 प्रकरणों का निपटारा हुआ, जिनमें से 08 दंपत्तियों को पुनः साथ भेजा गया। 63 वर्षीय विधवा मां ने पुत्रों के विरुद्ध परवरिश का मामला दायर किया था। न्यायालय की समझाइश पर पुत्रों ने मां से माफी मांगकर परवरिश का आश्वासन दिया। 09 वर्ष साथ रहने के बाद तलाक का मामला दायर करने वाले पति-पत्नी ने बच्चों की खातिर विवाद समाप्त किया। 20 वर्ष साथ रहने के बाद अलग रह रहे दंपत्ति ने आपसी सहमति से मामला समाप्त किया। न्यायाधीश श्रीमती नीलिमा सिंह बघेल ने काउंसलिंग व समझाइश देकर दंपत्तियों को पुनः जोड़ा। विदा के समय उन्हें नारियल, तुलसी का पौधा एवं सप्तपदी के सात वचन भेंट किए गए।









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