खेती किसानी में भी कुछ ऐसी फसल है जिनकी खेती करके किसान अच्छी आमदनी कर सकते हैं. पर इन फसलों खेती सीजन के हिसाब से की जाएं तो यह अच्छे रेट में जाती हैं. दरअसल शिमला मिर्च एक ऐसी फसल है जिसकी डिमांड बाजार में बहुत अधिक है. इसलिए इनकी खेती कर किसान लाखों रुपए मुनाफा कमा सकते हैं.
वैसे शिमला मिर्च एक बहुउपयोगी हरी सब्जी है. इसकी खेती देश के विभिन्न हिस्सों में की जाती है. सब्जी के रूप में इस्तेमाल के अलावा इसका उपयोग कई अन्य खाद्य पदार्थों में भी किया जाता है. इस कारण बाजार में शिमला मिर्च की मांग लगातार बनी रहती है. किसान इस खरीफ सीजन में शिमला मिर्च की उन्नत किस्मों का चयन कर सकते है. सही किस्म का चुनाव करने से न केवल उत्पादन अधिक होगा, बल्कि गुणवत्ता भी बेहतर रहेगी. इससे किसानों को अच्छा मुनाफा मिल सकता है.
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शिमला मिर्च की खेती वैसे तो हमारे देश में बड़े पैमाने पर किसान करते हैं और इससे उन्हें मुनाफा भी अच्छा होता है. वही शिमला मिर्च की कई ऐसी किस्में मौजूद हैं, जो हर मौसम में आसानी से तैयार हो जाती हैं. इन किस्मों को बार-बार पानी देने की भी जरूरत नहीं होती. सही समय पर सिंचाई और देखभाल से किसान लगातार आय अर्जित कर सकते हैं.
कैलिफोर्निया वन्डर: कैलिफोर्निया वन्डर शिमला मिर्च की एक विदेशी किस्म है. रोपाई करने पर 75 दिनों में फसल तैयार हो जाती है. अगर आप एक हेक्टेयर में इसकी खेती करते हैं, तो 125 से 150 क्विंटल तक उपज मिल सकती है.
सोलन हाइब्रिड 2: यह शिमला मिर्च की एक हाइब्रिड किस्म है. यह अधिक पैदावार के लिए जानी जाती है. सोलन हाइब्रिड 2 की खासियत है कि फसल बहुत कम दिनों में ही तैयार हो जाती है. अगर किसान भाई सोलन हाइब्रिड 2 की रोपाई करते हैं, तो 60 से 65 दिनों में ही शिमला मिर्च का उत्पादन शुरू हो जाएगा. इसकी पैदावार क्षमता 135 से 150 क्विंटल प्रति एकड़ है.
पूसा दीप्ती शिमला मिर्च : पूसा दीप्ती शिमला मिर्च हाइब्रिड किस्म की शिमला मिर्च है. इस मिर्च का पौधा दिखने में माध्यम आकर का झाड़ीनुमा होता है. इस किस्म के शिमला मिर्च के मिर्च का रंग हल्का हरा होता है जो पकने के बाद गहरे लाल रंग में परिवर्तित हो जाता है. पौधे की रोपाई के 70 से 75 दिनों के बाद मिर्च पकने लगती है एवं तुड़ाई के लिए भी तैयार हो जाती है.
बॉम्बे (रेड): यह शिमला मिर्च की किस्म जल्दी पकने वाली किस्मों में से एक है. बॉम्बे रेड किस्म के पौधे लम्बे, मजबूत एवं फैलने वाले होते हैं. मिर्च का सही तरीके से विकास के लिए इसकी खेती के लिए छांव वाले स्थान का चयन करना उपयुक्त होता है. कच्चे मिर्च का रंग गहरा हरा होता है. मिर्च के पकने पर लाल रंग के हो जाते है. इस किस्म के प्रत्येक मिर्च का वजन 125 से 150 ग्राम तक का होता है. इस मिर्च को ज्यादा समय के लिए स्टोर करके रखा जा सकता है. यह ज्यादा दूरी वाले स्थान पर ले जाने के लिए उचित होते है.
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इन्द्रा : यह संकर किस्मों में शामिल है. शिमला मिर्च की इस किस्म के पौधे मध्यम ऊंचाई के होते हैं. इस किस्म की मिर्च मोटी व गुदे वाली होती है. प्रत्येक मिर्च का वजन 100 से 150 ग्राम का होता है. इस किस्म की एक एकड़ भूमि में खेती करने पर 110 क्विंटल तक की पैदावार प्राप्त की जा सकती है.
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