नगरी एरिया कमेटी-सचिव 08 लाख की ईनामी महिला माओवादी जानसी ने किया आत्मसमर्पण

नगरी एरिया कमेटी-सचिव 08 लाख की ईनामी महिला माओवादी जानसी ने किया आत्मसमर्पण

परमेश्वर राजपूत,गरियाबंद  : जानसी उर्फ वछेला मटासी जिला गढ़चिरौली महाराष्ट्र की निवासी है जिसे 2006 में कमाण्डर रनिता द्वारा माओवादी संगठन में भर्ती कराया गया था।जो वर्तमान में नगरी एरिया कमेटी सचिव के रूप में कार्य कर रही थी। जिसने बताया कि वर्तमान में माओवादियों कि खोखली हो चुकी विचारधारा व उनके दूषित कार्यों को साझा करते हुये बताया कि आज माओवादी निर्दोष ग्रामीणों की पुलिस मुखबीरी के शक में जबरदस्ती हत्या, लोगों को बेवजह राशन-सामानों के लिए परेशान करना, शासन के विकास कार्यो को नुकसान पहुचाना या पूरा नहीं होने देना, बस्तर के छोटे-छोटे युवक-युवतियों बहला-फुसला या उनके परिवार वालो को डरा धमका का माओवादी संगठन में शामिल करना, बड़े माओवादियों द्वारा छोटे कैडरों का शोषण करना, स्थानीय लोगों को शासन के विरूद्व आंदोलन के लिए उकसाना एवं निर्माण कार्यो में लगे ठेकेदारो, पत्ता ठेकेदारों से अवैध वसूली का आज माओवादी संगठन अड्डा बना लिये है। इन्ही सब स्थितियों को देखते हुये तथा हमारे स्थानीय लोगों के साथ हो रहे माओवादियों द्वारा अत्याचार, शोषण व लोगों की बेबशी को देखकर मन विचलित हो जाता था। 

ये भी पढ़े : मुखिया के मुखारी - मुश्किल हो जायेगा आपका पुनर्वास 

शासन की आत्मसमर्पण-पुनर्वास नीति के तहत समर्पण करने पर पद अनुरूप ईनाम राशि की सुविधा, हथियार के साथ समर्पण करने पर ईनाम राशि की सुविधा, बीमार होने पर स्वास्थ्य सुविधा, आवास की सुविधा, रोजगार की सुविधा को हमारे कई माओवादी साथी (आयतु, संजय, मल्लेश, मुरली, टिकेश, प्रमीला, लक्ष्मी, मैना, क्रांति, राजीव, ललिता, दिलीप, दीपक, मंजुला, सुनीता, कैलाश, रनिता, सुजीता, राजेन्द्र) आत्मसर्मण कर लाभ उठा रहे हैं जिसके बारे में हम लोगों को समाचार पत्रो व स्थानीय ग्रामीणों के माध्यम से जानकारी प्राप्त होती थी। गरियाबंद पुलिस द्वारा जंगल-गांवों में लगाये समर्पण नीति के पोस्टर-पाम्पलेट भी प्राप्त होते थे जिससे मेरे मन में विचार आया कि मैं क्यों जंगल में पशुओं की तरह दर-दर भटक रही हूं। और इन बडे माओवादी कैडरो की गुलामी कर रही हूं। अपने पति सत्यम गावडे के मुठभेड में मारे जाने बाद मानसिक रूप से टूट गई तथा जंगल की परेशानियां तथा आत्मसमर्पित साथियों के खुशहाल जीवन से प्रभावित होकर मैं अपने परिवार के साथ अच्छा जीवन बिताने के लिए आत्मसर्मपण के मार्ग को अपनाई हूं, सर्मपण में सुकमा पुलिस का विशेष योगदान रहा है।









You can share this post!


Click the button below to join us / हमसे जुड़ने के लिए नीचें दिए लिंक को क्लीक करे


Related News



Comments

  • No Comments...

Leave Comments