किरंदुल, छत्तीसगढ़: किरंदुल के मांसाहारी बाजार में लंबे समय से चली आ रही जलभराव की समस्या ने आज एक ऐतिहासिक मोड़ ले लिया। नगरपालिका उपाध्यक्ष बबलू सिद्दीकी के नेतृत्व में व्यापारियों ने एनएमडीसी रोड पर चक्का जाम किया, जिसके मात्र दो घंटे बाद प्रशासन ने घुटने टेक दिए। वैकल्पिक नाली निर्माण का कार्य तत्काल शुरू होने से बाजार में खुशी की लहर दौड़ गई। यह आंदोलन न केवल व्यापारियों के लिए राहत का सबब बना, बल्कि नागरिक एकजुटता और जनप्रतिनिधियों की जवाबदेही का प्रतीक बन गया।
जलभराव की समस्या: लाखों का नुकसान
किरंदुल का मांसाहारी बाजार शहर का एक प्रमुख व्यापारिक केंद्र है, लेकिन बारिश के मौसम में 2-3 फीट तक जलभराव ने व्यापारियों के लिए मुसीबत खड़ी कर दी थी। इस साल 19 मई 2025 से अब तक सात बार बाजार में पानी घुस चुका है, जिससे दुकानें डूब गईं, सामान खराब हुआ और ग्राहक दूर भागे। व्यापारियों का अनुमान है कि इससे लाखों रुपये का नुकसान हुआ। इसके बावजूद, प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया था, जिससे व्यापारी और स्थानीय निवासी हताश थे।
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आंदोलन की शुरुआत: बबलू सिद्दीकी का नेतृत्व
13 सितंबर 2025 की रात भारी बारिश के बाद मांसाहारी बाजार और आसपास के क्षेत्र पूरी तरह डूब गए। कई घरों में पानी घुस गया, मवेशियों और संपत्ति को भारी नुकसान हुआ। गुस्साए व्यापारियों ने पत्रकारों को भी क्षेत्र में प्रवेश करने से रोक दिया, जो उनकी नाराजगी की तीव्रता को दर्शाता है। इस बीच, नगरपालिका उपाध्यक्ष बबलू सिद्दीकी ने स्थिति की गंभीरता को समझा और तुरंत कार्रवाई की। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया, पीड़ितों के घर-घर जाकर उनकी समस्याएं सुनीं और सार्वजनिक रूप से ऐलान किया, “अगर कल इस समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो मैं अपने पद से इस्तीफा दे दूंगा।”
चक्का जाम और प्रशासन की त्वरित कार्रवाई
14 सितंबर 2025 की सुबह बबलू सिद्दीकी के नेतृत्व में व्यापारियों और स्थानीय लोगों ने एनएमडीसी रोड पर चक्का जाम कर दिया। इस आंदोलन को बैलाडीला व्यापारी कल्याण संघ के पूर्व अध्यक्ष मनोज छालीवाल, जितेंद्र गुप्ता, सुनील गुप्ता, संदीप साओ, जहाज सोनबॉयर, राजेश लोंहरे और गणेश गुप्ता राजू रेड्डी जैसे प्रमुख लोगों का समर्थन मिला। वार्ड 6 और 7 के पार्षदों ने भी इसमें हिस्सा लिया। जनता की एकजुटता और सिद्दीकी के दृढ़ संकल्प को देखते हुए नगरपालिका सीएमओ शशि भूषण महापात्रा और पुलिस प्रशासन तुरंत हरकत में आया।
मात्र दो घंटे के भीतर प्रशासन ने जल निकासी के लिए वैकल्पिक नाली निर्माण शुरू करने का आदेश दिया। एनएमडीसी और रेलवे के सहयोग से खुदाई शुरू हुई और सीमेंट-कंक्रीट पाइप बिछाने का कार्य प्रगति पर है।
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जनता की जीत, सिद्दीकी का वादा पूरा
बबलू सिद्दीकी ने न केवल अपनी बात रखी, बल्कि जनता का भरोसा भी जीता। उनकी सक्रियता और “काम न हुआ तो इस्तीफा” के वादे ने प्रशासन को त्वरित कार्रवाई के लिए मजबूर किया। व्यापारियों और स्थानीय लोगों ने इसे अपनी जीत के रूप में देखा और बाजार में उत्साह का माहौल है। यह घटना किरंदुल के इतिहास में एक मिसाल बन गई है, जो दर्शाती है कि जनता और जिम्मेदार नेतृत्व मिलकर बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान कर सकते हैं।
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