मुखिया के मुखारी - टूटे भरोसे में सुसाशन सिर्फ दावा और दिखावा है

मुखिया के मुखारी - टूटे भरोसे में सुसाशन सिर्फ दावा और दिखावा है

चाल ,चरित्र और चेहरा इस सूक्ति के साथ भारतीय राजनीति को परिमार्जित करते हुए भाजपा सत्तारूढ़ हुई, स्थापना के रजत जयंती वर्ष में है छत्तीसगढ़, ऐतिहासिक माता कौशल्या की धरती पर अवांछनीय सांस्कृतिक बदलाव करने का कुत्सित प्रयास हो रहा । चाल और चरित्र की विशिष्टता उतर रही चेहरे पर कालिख पुतवाने की पूरी तैयारी हो रही,न्यूड पार्टी के आयोजन के लिए रायपुर का चुना जाना छत्तीसगढ़ियों, छत्तीसगढ़ की सरकार को खुली चुनौती है । छत्तीसगढ़ महतारी के माथे पर कलंक का टीका है ,एक ही दिन में ऐसा नही हुआ, नशे की खेप ,ड्रग पैडलर, विदेशी बालाएं ,क्लबों में गोलियों का चलना, गैंगवार, अवैध शराब ,गांजा की तस्करी ,सरकार का शराब बेचना, विकास की दास्ताँ नही रायपुर को लास वेगास में परिवर्तित करने की नंगी दौड़ है । क्या छत्तीसगढ़ की चाहत इसी विकास की है? क्या किसी ने छत्तीसगढ़ का मन टटोला?  छत्तीसगढ़ की मीडिया को पुलिस कप्तान के भजन में थिरकने पर वर्दी की मर्यादा में कमी दिखती है, पर जब पुलिस उपकप्तान पर बलात्कार का आरोप लगता है तो उसमें उसकी छवि धूमिल करने का प्रयास लगता है, छत्तीसगढ़ की मीडिया को छत्तीसगढ़ की संस्कृति से कितना लगाव है ये दिखता है ।

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विष्णु सरकार के चाल चरित्र से आदर्शों ने अपना क्षरित होना ही अपनी नियति मान ली है, विभाग दर विभागों के स्वास्थ्य ख़राब हो रहे, भ्रष्टाचार का वायरस स्वास्थ्य विभाग के स्वास्थ्य को ICU में पहुंचा चूका है ,हवा चली नही की बिजली गुल ,राजस्व में मुआवजे के घोटाले ही घोटाले हैं, आबकारी का पूरा विभाग जाँच की जद में है ,जल जीवन से लेकर सड़कों ,पुलों के निर्माण की एक ही विशेषता उनका घटिया होना, जनसंपर्क में बिना टेंडर के भुगतान हो रहे ,व्यापक भ्रष्टाचार हो रहा ,शिक्षक भर्ती में घोटालों का शोर है ,खाद की किल्लत से प्रदेश में हाहाकार है ,महतारी कीट जिसकी वास्तविक कीमत दो हजार नही है उसकी आपूर्ति सोलह हजार में की जा रही है ,फिर भी सरकार मौन है ,सांय सांय का माहौल और सुशासन का दावा,वास्तविकता इतनी भयावह, पुलिस अधिकारी गाहे बगाहे नही बारम्बार महिला अपराध से कुख्यात हो रहे । सट्टे में बड़े -बड़े लगे रहे उन्ही का अनुसरण कर रहे ,प्रार्थी महिला थाने में जल गई,मंदिर हसौद में महिला पुलिसकर्मी महिला चिकित्सक को पिट रहे ,नक्सली उन्मूलन का दावा करने वाली छ .ग. पुलिस खुद नक्सली मानसिकता को अपना मूल बना रही, इन सबके बाद भी यदि धोखे से कार्यवाही हो जाए, तो खोखे से आरोपी जेल में मौज कर रहे, पुलिस, अभियोजन न्यायालय में मुहंकी खा रहे आरोपी जमानत पे जमानत पा रहे ।

अखिल भारतीय एवम राज्य सेवा के अधिकारी जांचो में सिर्फ उलझे ही हैं कानून की पकड़ ढीली है,गिला गला लिए, लाल गाल भाल पे पूरी चमक सबसे बड़ा रूपइया का नारा लगा रहे, ऐसे कैसे बदलेगी छत्तीसगढ़ की तस्वीर?  अपराध दिन प्रतिदिन बढ़ रहे सामाजिक कारण और सामाजिक स्वीकृति दिख रही, न्यूड पार्टी में बोनसाई छत्तीसगढ़िया ,महादेव एप्प,सट्टा ,म्युल अकाउंट में भी बोनसाई छत्तीसगढ़िया ,सूदखोर तोमर बंधू भी बोनसाई शहर -शहर अधिकांश गुंडे बदमाश बोनसाई क्या इन बोनसाइयों को छत्तीसगढ़ को कलंकित करने के बाद भी छत्तीसगढ़िया माना जाए ?  क्या उस समाज विशेष को नही दिख रहा जिस छत्तीसगढ़ की माटी में उन्हें  आजीविका और संपन्नता दी उसकी फिजा में वों अपराध का जहर घोल रहे, पचपेड़ी नाका का नाम बदलने से ज्यादा जरुरी अपराध लगाव की मानसिकता बदलने का है,चाल चरित्र बदलने की जरूरत है चेहरे के नूर को बनाएं रखने के लिए वर्ना बेनूर होके रुखसत तो आपके पूर्ववर्ती भी हुए हैं  । लोकतंत्र को राजतंत्र समझने की भूल ने युवराज को जेल पहुंचा दिया, पूर्व राजा की धुकधुकी बढ़ी हुई है, सरकार को दाऊ दलाल गिरोह बनाने की कीमत अदा करनीही थी, सों वही हो रहा है, जो भाजपा इतिहास से भविष्य की सीख लेने का दावा करती है उसी भाजपा की नारायणी नाम धारी सरकार अपने पूर्ववर्ती सरकार के इतिहास से सीख नही ले पा रही, छत्तीसगढ़ की माटी तो नही बदलेगी पूर्व कांग्रेसी और अब के बोनसाई भाजपाई कितना बदलेंगे । माथे पे सुशासन का टीका लगायेंगे या फिर कलंक की कालिख पोतेंगे ? चाल और चरित्र अभी का बता रहा की मुद्दा छत्तीसगढ़ के विकास का गौण है ,स्वविकास की चाहत में  छत्तीसगढ़िया, छत्तीसगढ़ की माटी आहत है, टूटी चाहत से आहत छत्तीसगढ़ियों का भरोसा टूट रहा -----------------------------------------------------टूटे भरोसे में सुसाशन सिर्फ दावा और दिखावा है

चोखेलाल

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मुखिया के मुखारी व्यवस्था पर चोट करती चोखेलाल की टिप्पणी








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