लोरमी : अक्सर आपने पुलिस को गुंडा-बदमाशों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करते और उनके सख़्त अंदाज़ को ही देखा होगा। लेकिन इन दिनों छत्तीसगढ़ के एक ज़िले में पुलिस विभाग ने एक अनोखा कार्य करके ना सिर्फ़ पुलिस की छवि को बदला है बल्कि उसकी संवेदनशीलता की हर ओर जमकर सराहना भी हो रही है।
जी हाँ मुंगेली पुलिस की विभागीय सहृदयता इन दिनों सबका ध्यान आकर्षित कर रही है। ज़िले के पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल के मार्गदर्शन में मुंगेली पुलिस परिवार ने स्वंय के व्यय से एक अनूठा आयोजन किया है। इसमें नरबलि की शिकार मासूम बच्ची की आत्मा की शांति के लिए श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है।
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कोरोना काल से अब तक ड्यूटी के दौरान शहीद हुए पुलिस अधिकारी, कर्मचारी और ज़िले के लोरमी विकासखंड के कोसाबाड़ी गांव में नरबलि की शिकार हुई 7 वर्षीय मासूम बच्ची महेश्वरी गोस्वामी उर्फ़ लाली की स्मृति में 7 दिन का मोक्षदायिनी श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ आयोजित किया गया है। पुलिस परिवार के साथ-साथ इस आयोजन में पूरा मुंगेली शामिल हुआ। साथ ही केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू, प्रदेश के उपमुख्यमंत्री अरुण साव व स्थानीय विधायक पुन्नूलाल मोहले ने भी पहुँचकर कार्यक्रम की सराहना की। श्रीकृष्ण-रुक्मिणी विवाह के अवसर पर भगवान श्रीकृष्ण की बारात व विवाह समारोह दर्शनीय था। श्रीकृष्ण की बारात को आरके पैलेस, मुंगेली से निकाला गया जिसमें बाजे और ताशे की मधुर धुन पर पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल सहित पुलिस बल और आम नागरिक झूमते नज़र आए।
पुलिस कॉलोनी में आयोजित कार्यक्रम में श्रीकृष्ण-रुक्मिणी विवाह को विधिवत् सम्पन्न कराया गया। पूरे 7 दिनों - 8 से 15 सितंबर तक आयोजित श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में सभी शहीदों के परिजनों और स्वर्गीय लाली के परिवार ने भाग लेकर कथा श्रवण किया और कहा हम चाहकर भी ऐसा आयोजन नहीं कर सकते थे जो मुंगेली पुलिस ने किया है। पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल ने कहा की यह केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि सामाजिक समरसता का अनूठा संगम है। इस कार्यक्रम में विभाग सहित मुंगेली के सभी धर्मों के लोगों ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया। पुलिस विभाग में आपसी तालमेल और सौहार्द के लिए सामूहिक भोज की परंपरा रही है। हमने मोक्षदायिनी श्रीमद्भागवत ज्ञान यज्ञ के साथ इस आयोजन को 7 दिनों तक किया है जिसमें आपसी भाईचारे के साथ-साथ आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति भी हुई है।



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