बलिया : अगर आप किसान हैं और धान की खेती करते हैं, तो इस स्टोरी को पूरी पढ़ने के बाद ही कोई काम करिएगा. धान की फसल के दौरान बीच-बीच में ऐसी परेशानियां आती हैं, जिसे अगर किसान नजरअंदाज करें तो पूरी फसल से हाथ धोनी पड़ सकती है. यह देखने में छोटी समस्या पूरी फसल को बर्बाद कर सकती है, इसलिए अब वह समय आ गया है कि हर किसान अपने धान के खेतों पर पैनी नजर बनाए रखें. आज हम आपको कुछ ऐसे कारगर टिप्स बताने जा रहे हैं, जिससे न केवल आपका फसल सुरक्षित होगी, बल्कि पैदावार भी बंपर हो सकती है.
श्री मुरली मनोहर टाउन स्नातकोत्तर महाविद्यालय बलिया के मृदा विज्ञान और कृषि रसायन विभाग के एचओडी प्रो. अशोक कुमार सिंह कहते हैं कि धान की खेती अभी बढ़वार पर है. धान की रोपाई हुए 65 से 70 दिन हो चुके हैं. जिन किसान भाइयो ने जून की लास्ट या जुलाई की शुरुआत मे धान की रोपाई की है, उनके खेतों में धान की बालिया निकलना शुरू हो गई हैं. किसान भाई इस समय सिंचाई में कोई कमी न होने दें. धान में पर्याप्त मात्रा में नमी बनाए रखें. इसके बाद यूरिया के छिड़काव पर खास ध्यान दें. इससे बालियां निकलने में सहायता मिलती है.
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फसल के लिए भयावह
जब बालियों में दाने आते हैं, तो उसमे दूधिया जैसा लिक्विड बनने लगता है. इन दानों में प्राकृतिक मिठास होती हैं, जिसमें रस चूसने वाले कीड़े लगने लगते हैं. इनसे बचाव के लिए मैलाथियान पाउडर का छिड़काव किया जा सकता है, जो बाजार में आसानी से मिल जाता है. एक कीड़ा लगता है, जिसका नाम सैनिक कीट है, जो पतियों को खा जाता है और कंकाल नुमा बना देता है, जो फसल के लिए भयावह है.
बालिया निकलते समय एक और समस्या आती है, बैक्टिरियल ब्लाइटस की, जिससे सावधान रहने की बहुत जरूरत है. इसमें खैर रोग और झुलसा रोग लगता है. यह भी रोग काफी खतरनाक होता है. खैरा रोग में पत्तियां खैर रंग की होती हैं और झुलसा रोग में पत्तियों पर दाग दाग धब्बे लगना शुरू हो जाते हैं और धीरे-धीरे पौधा सूख जाता है. इसलिए लक्षण दिखते ही तुरंत इसके उपचार के लिए कृषि एक्सपर्ट से मिलें जिससे आपकी फसल सुरक्षित हो सकती है.

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