पटना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी दिवंगत मां के बारे में बनाए गए एक आपत्तिजनक AI-जनरेटेड वीडियो को लेकर पटना हाई कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। इस मामले में दायर एक जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी किया है, जिसमें इस वीडियो के आगे सर्कुलेशन पर रोक लगाने और सोशल मीडिया से इसे हटाने का निर्देश दिया गया है।
बिहार कांग्रेस कमेटी के आधिकारिक X हैंडल पर पोस्ट किए गए इस वीडियो में प्रधानमंत्री मोदी की मां के एक बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है, जिसमें उन्होंने सरकारी नीतियों की आलोचना की है और आगामी बिहार चुनावों के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की है।
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याचिका पर कोर्ट का आदेश
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश पी.बी. बैजनथ्री ने विवेकानंद सिंह द्वारा दायर याचिका पर यह आदेश पारित किया। कोर्ट ने कहा कि इस वीडियो का प्रसार भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत दिए गए निजता और प्रतिष्ठा के अधिकार सहित मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। कोर्ट ने इस सामग्री को घृणित, अरुचिकर और अपमानजनक बताते हुए एक अंतरिम आदेश जारी किया, जिसमें वीडियो के आगे प्रसार पर रोक लगाने और मौजूदा अपलोड्स को हटाने का निर्देश दिया गया।
याचिका में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, केंद्र सरकार और चुनाव आयोग को भी प्रतिवादी बनाया गया था। चुनाव आयोग के वकील सिद्धार्थ प्रसाद ने मीडिया को बताया, "कोर्ट ने वीडियो को तुरंत हटाने का आदेश देते हुए राहुल गांधी, फेसबुक, ट्विटर और गूगल को भी नोटिस जारी किया है।"
राजनीतिक हंगामा, FIR
इस वीडियो ने राजनीतिक गलियारों में भारी विवाद खड़ा कर दिया। भाजपा नेताओं ने इसे प्रधानमंत्री और उनके परिवार पर व्यक्तिगत हमला बताते हुए इसकी निंदा की। भाजपा ने अज्ञात कांग्रेस सदस्यों के खिलाफ जालसाजी, मानहानि और आपराधिक साजिश से संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी (FIR) दर्ज कराई है। कांग्रेस ने इस वीडियो का बचाव करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य राजनीतिक आलोचना करना था, न कि किसी का अपमान करना।
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इससे पहले, बिहार के दरभंगा में 'वोटर अधिकार यात्रा' के मंच पर एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा प्रधानमंत्री और उनकी मां के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल करने वाला वीडियो वायरल हुआ था। FIR में भारतीय न्याय संहिता, 2023 की कई धाराओं, विशेष रूप से धारा 18(2), 336(3), 336(4), 340(2), 352, 356(2), और 61(2) का जिक्र किया गया है।
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