फेड की ब्याज दर घटने से भारत पर क्या पड़ेगा असर?

फेड की ब्याज दर घटने से भारत पर क्या पड़ेगा असर?

नई दिल्ली : अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व ब्याज दरें घटाने पर बड़ा फैसला ले सकता है। जिसका असर अमेरिका ही नहीं, बल्कि भारत पर भी दिखाई देगा। एक्सपर्ट्स का कहना है कि फेड रेट कट से भारतीय रुपया, शेयर बाजार, पेट्रोल-डीजल की कीमतें और यहां तक कि विदेशी निवेश (FII) पर भी सीधा असर पड़ेगा।

जहां एक ओर निवेशकों के लिए यह राहत की खबर मानी जा रही है, वहीं आम लोगों की जेब पर भी इसका असर होगा। अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर भारत में किन-किन सेक्टर्स को इसका फायदा या नुकसान होगा?

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1. डॉलर और रुपया पर असर

एक्सपर्ट्स बताते हैं कि जब अमेरिका ब्याज दर घटाता है, तो डॉलर की मजबूती थोड़ी कम होती है। इसका सीधा फायदा रुपए जैसे उभरती अर्थव्यवस्थाओं की करेंसी को मिलता है। रुपया मजबूत होने से आयात (तेल, सोना, इलेक्ट्रॉनिक्स) थोड़ा सस्ता हो सकता है।

2. विदेशी निवेश (FII फ्लो)

कम ब्याज दर का मतलब है कि अमेरिकी निवेशक बेहतर रिटर्न के लिए भारत जैसे बाजारों में पैसा लगाएंगे। इससे शेयर बाजार को बढ़ावा मिलेगा और बॉन्ड मार्केट में भी पैसा आएगा।

3. कच्चा तेल और कमोडिटी

महंगाई बढ़ने के कारण कच्चे तेल, सोना-चांदी और अन्य कमोडिटी के दाम ऊपर रह सकते हैं। भारत जैसे बड़े आयातक देशों के लिए यह चिंता की बात होगी। तेल महंगा हुआ तो पेट्रोल-डीजल और ट्रांसपोर्ट कॉस्ट बढ़ेगी, जिससे महंगाई फिर से दबाव बना सकती है।

4. भारतीय रिजर्व बैंक की दुविधा

अगर फेड दर घटाता है, तो आरबीआई (RBI) पर भी ब्याज दर घटाने का दबाव बढ़ेगा। लेकिन भारत में भी महंगाई (खासतौर पर खाने-पीने की चीजों में) ऊपर है। ऐसे में RBI को संतुलन बनाना होगा। जैसे अगर RBI दरें घटाए तो विकास को मदद मिलेगी और अगर दरें वहीं रखे तो महंगाई कंट्रोल में रहेगी।

5. आम आदमी पर असर

अगर निवेश का फ्लो बढ़ता है तो शेयर बाज़ार चढ़ सकता है। रुपया मजबूत होगा तो आयातित चीजें (मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक, फ्यूल) थोड़ी सस्ती हो सकती हैं। लेकिन अगर तेल और अंतरराष्ट्रीय कीमतें चढ़ती रहीं तो पेट्रोल-डीजल महंगा हो सकता है।

25 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर सकता है फेड

अमेरिकी मीडिया की मानें तो अमेरिकी सेंट्ल बैंक फेडरल रिजर्व आज यानी 17 सितंबर को इंटरेस्ट रेट में 25 बेसिस प्वाइंट्स (0.25%) की कटौती कर सकता है। जिसके बाद इंटरेस्ट रेट 4 प्रतिशत से 4.25 प्रतिशत के बीच रहेगा।

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अमेरिका में घटेगी मंहगाई, सस्ते हो सकते हैं लोन

एक्सपर्ट्स का मानना है कि ब्याज दरों में कटौती से अमेरिका में महंगाई कम होगी और लोन सस्ते हो सकते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, फेड ने पिछले साल यानी 2024 में तीन बार ब्याज दरों में कटौती की थी।

जिसमें पहले दिसंबर में 0.25%, नवंबर में 0.50% और फिर सितंबर में 0.25% की कटौती की थी। तब से ब्याज दरें 4.25% से 4.50% के बीच ही हैं। 

बता दें कि अमेरिकी सेंट्ल बैंक फेडरल रिजर्व रेट तय करता है कि बैंक एक-दूसरे से दिए गए लोन (Loan) पर एक रात में कितना ब्याज लेंगे।  








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