छत्तीसगढ़ की स्थापना स्व. अजीत जोगी छ .ग.के प्रथम मुख्यमंत्री पहली ही सरकार ने 12 भाजपा विधायकों का दल बदल करवा लिया,लिया की कर लिया प्रश्न आज तक अनुत्तरित है, बहुमत के लिए कांग्रेस को विधायकों की जरूरत नही थी ,राजनीतिक रुतबा ,वर्चस्व से ज्यादा इस घटना की न कोई अहमियत थी, ना बनी ,दल बदलू विधायकों का राजनीतिक अवसान भी जल्द हो गया ,भाजपा के तत्कालीन मरवाही विधायक उइके मुख्यमंत्री के पद के आगे झुके ही नही लेट गए, प्रशासनिक आतंक इतना था की जोगी सरकार में नेता प्रतिपक्ष पिट गए ,मुख्यमंत्री ,मुख्यमंत्री चयन करवाते फॉर्म हाउस में पिट गए थे,तब से गुटबाजी और आस्थाओं की अदला बदली छत्तीसगढ़ की राजनीति में होती आई है, पर छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया ने राजनीतिक सूझ -बुझ दिखाई झारखण्ड वाली राजनीतिक अस्थिरता यहां पनप नही पाई, न किसी क्षेत्रीय दल को राजनीतिक हैसियत मिली,नेताओं ने सत्ता लोलुपता में हर नाजायज को जायज बनाया पर छत्तीसगढ़ियों ने जनमत ही ऐसा दिया की नेताओं को घोड़े खरीदने का मौका ही नही मिला।
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छत्तीसगढ़ की राजनीतिक समझ और दूरदर्शिता ने नेताओं पर लगाम लगाके रखा और मुखियाओं ने जब -जब धृतराष्ट्र बनने की धृष्टता की ,उनके पुत्रमोह के धूर्तता को धूल धूसरित कर दिया ,राजनीतिक इतिहास के इन पन्नों से कर्णधार सीख नही ले रहे, लोकतंत्र को राजतंत्र समझने की भूल कर रहे, पिछली भूपेश सरकार की सारी जन विरोधी क्रियाकलापों का अनुसरण हो रहा ,घोटालों एवं भ्रष्टाचारों की लंबी फेहरिस्त के साथ उस सरकार की रुखसती जनता के रुख में बदलाव था ,पर सरकार सुशासन के दावों में उलझी है ,रोटी बनाने की पचास हजार की मशीन नौ लाख में खरीद रही है ,दवाई और दवाई के उपकरणों की खरीदी में CGMSC के कारनामो से कालिख पुती हुई है ,पर फिर भी सरकार को मंत्री में पूरी धवलता दिख रही, राम प्रेमी भाजपा श्याम विरोधी तो तो नही हो सकती ,सों बिहारी के श्याम कारनामों को माखन चोरी समझ रही है, वरिष्ठों की वरिष्ठता ठिकाने लगा दी गई एक चटर्जी नही दो चटर्जीयों से दल बदल करवा मंत्री पद से नवाज दिया, कांग्रेसी तनपे पे भगवा चोला कितना रंगा मन केसरिया में या मन फिर डोल जायेगा चटर्जी जैसा ,एक नही संभला था दो क्या संभाल पाएंगे?
विकास में लास वेगास बनने की तमन्ना किस छत्तीसगढ़िया की ? न्यूड पार्टी का आयोजन, उसके 21 प्रतिभागी, गृह निर्माण वाले अभियंता का फार्म हाउस ,आयोजक को मंत्री का करीबी कांग्रेसी बता रहे ,इस बात पे सच्चाई जितनी भी हो नियत दोनों की एक सी दिखाई दे रही, अपराध ,अपराधी,नशा ,घोटालें ,चरित्र ,षडयंत्र, प्रशासन के सप्तरागों में सरकार भ्रष्टाचार की बांसुरी बजा रही, सरकार बताए कौन से विभाग की उसने नियती बदल दी, कितने अफसरों की नियत बदल गई? किस -किस ने दाऊ दलाल गिरोह वाली सक्रियता छोड़ दी? बिग बॉस गैंग से जिन्होंने अरबों की बेनामी इक्कठी की वो आज भी नामधारी बने बैठे हैं ,अभियोजन न्यायालय में पुलिस के तर्कों को रख नही पा रही, सड़क वाले गड्ढे जाँच एजेंसी के आरोप पत्रों में हैं ,जमानत है की उचक -उचक के आरोपियों के गोद में गिर रही, साव साहब बड़े चाव से सब देख रहे ,लोकनिर्माण ,कानून दोनों में गड्ढे ही गड्ढे, गृह विभाग सशक्त है पर आरोपी जेल में मस्त हैं, क्योकि वहां की व्यस्था ही ऐसी है धर्मान्तरण सरकार के लिए मुद्दा है, तो जेल इसका बड़ा अड्डा है।
हिंदूवादी मंत्री जी इस पर भी विजय पाइए गृह और जेल को एक जैसा ही कसिए । जनसंपर्क की लीलाएं आपार हैं जन को छोड़कर बाकि सबसे व्यापक संपर्क है, इस व्यापकता पर अंकुश ना लगी तो सिर्फ संपर्क सूत्र बचेंगे जन सब गुम जायेंगे । युवा विधायकों को रेत ,शराब ,खदानों में खनक दिख रही पैसों की चमक दिख रही, राजधानी के आजू बाजु वालों को इसी धन धान्य में विधायकी दिख रही, भाग्य का छिका टुटा सीधे मंत्री पद मिला ,जो अपराधियों के साथ घुमतें हैं ,वो माननीय मंत्री होते है, नई सरकार की नई संस्कृति ,चाल ,चरित्र चेहरे की दुहाई है, तैयारी पूरी जग हसाई की है, राजनीति भी क्या करवट लेती है कल तक कांग्रेसी जिन्हें वोल्गा कुमार कहते थे ,उसे फिर छत्तीसगढ़ की नदियों का किनारा दे रहे, आदिवासी मंत्री तो उसी भोथरे हथियार से घेर रहे, वोट चोरी का आयोजन है क्या राजनीतिक संयोजन है ,चोर के घरों में साव { दोष रहित } का भोजन है, अफसर द्वारे पर अर्दली हैं, ये तो दोनों के प्रहरी हैं ,चालें बड़ी गहरी है, इन चालों में छत्तीसगढ़ियों का भविष्य सिसक रहा कह रहा, गिरगिट को बक्श दो------------------------ रंग बदलते -बदलते बेरंग न हो जाओ
चोखेलाल
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मुखिया के मुखारी व्यवस्था पर चोट करती चोखेलाल की टिप्पणी
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