रायपुर : छत्तीसगढ़ शासन, स्कूल शिक्षा विभाग ने गणवेश वितरण में गड़बड़ी और लापरवाही के आरोप में रामानुजगंज-बलरामपुर के प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी, डी.एन. मिश्रा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई शासन द्वारा जारी आदेश के तहत की गई है, जिसमें मिश्रा द्वारा हितग्राही छात्रों की संख्या त्रुटिपूर्ण बताने और गणवेश वितरण में गंभीर अनियमितताओं का आरोप लगाया गया है। सूत्रों के अनुसार, वर्ष 2025-26 में जिले के 1,58,244 छात्र-छात्राओं के लिए कुल 3,16,488 गणवेश प्राप्त हुए थे, जिनमें से 2,38,066 गणवेश ही वितरित किए गए। डी.एन. मिश्रा द्वारा हितग्राही छात्रों की संख्या में त्रुटि दर्ज करने के कारण बड़ी मात्रा में गणवेश शेष रह गए। इससे न केवल गणवेश अनुपयोगी होने की संभावना बढ़ गई बल्कि शासन पर अतिरिक्त आर्थिक भार भी उत्पन्न हुआ।
आदेश में यह भी उल्लेख किया गया है कि मिश्रा ने पूर्व वर्षों के शेष गणवेश का समायोजन नहीं किया और न ही नए शैक्षणिक सत्र के लिए मांग पत्र समय पर प्रेषित किया। इन लापरवाहियों को शासन ने गंभीर कदाचार और अनुशासनहीनता माना है। यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के उल्लंघन के तहत की गई है। राज्य शासन ने छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के नियम-9 (1) (क) के प्रावधानों के तहत डी.एन. मिश्रा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। निलंबन की अवधि में उनका मुख्यालय कार्यालय संयुक्त संचालक शिक्षा, सरगुजा (अंबिकापुर) नियत किया गया है और उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता प्रदान किया जाएगा।
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डी.एन. मिश्रा के निलंबन के बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने अजय कुमार मिश्रा, प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी सूरजपुर को रामानुजगंज-बलरामपुर का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है। इसके साथ ही शासन ने यह स्पष्ट किया है कि नए प्रभारधारी अधिकारी को गणवेश वितरण और संबंधित व्यवस्थाओं की पूरी जानकारी तत्काल प्राप्त हो। शासन ने यह भी निर्देश दिया है कि शेष गणवेश का समायोजन और नए सत्र के लिए गणवेश वितरण प्रक्रिया समयबद्ध तरीके से पूरी की जाए। विभागीय अधिकारी इस प्रक्रिया में निरंतर निगरानी करेंगे ताकि किसी भी प्रकार की अनियमितता या लापरवाही न हो।
विशेषज्ञों का कहना है कि शिक्षा विभाग में इस प्रकार की कार्रवाई से न केवल जवाबदेही सुनिश्चित होती है, बल्कि कर्मचारियों में अनुशासन और समय पर कार्य पूरा करने की चेतना भी बढ़ती है। डी.एन. मिश्रा का निलंबन शिक्षा विभाग के लिए एक सख्त संदेश है कि छात्रों के हित से जुड़े मामलों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। स्थानीय शिक्षा अधिकारियों और शिक्षक संघ ने भी इस कदम का समर्थन किया है। उनका कहना है कि छात्रों को समय पर गुणवत्तापूर्ण संसाधन उपलब्ध कराना शिक्षा विभाग की प्राथमिक जिम्मेदारी है और इसमें किसी भी प्रकार की चूक गंभीर अनुशासनहीनता के रूप में देखी जाएगी।
इस आदेश के माध्यम से छत्तीसगढ़ शासन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि राज्य में शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही बनाए रखना प्राथमिकता है। भविष्य में भी शिक्षा विभाग ऐसे मामलों की गहन जांच करता रहेगा और लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करेगा। इस प्रकार, रामानुजगंज-बलरामपुर में गणवेश वितरण में हुई अनियमितताओं के कारण डी.एन. मिश्रा का निलंबन शिक्षा विभाग में अनुशासन और जवाबदेही की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
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