क्या आपको भी यही लगता है कि अल्जाइमर रोग सिर्फ उम्रदराज लोगों को ही अपना शिकार बनाता है? अगर हां, तो आपको अपनी इस गलतफहमी को जल्द से जल्द दूर कर लेना चाहिए क्योंकि खराब लाइफस्टाइल और अनहेल्दी डाइट प्लान की वजह से कम उम्र के लोग भी अल्जाइमर रोग का शिकार बन रहे हैं। वर्ल्ड अल्जाइमर डे के दिन आपको भी इस रोग से जुड़ी कुछ जरूरी बातों के बारे में जानकारी हासिल कर लेनी चाहिए।
ब्रेन पर पड़ता है नेगेटिव असर
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक अल्जाइमर रोग मुख्य रूप से मस्तिष्क यानी ब्रेन को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है। आपको बता दें कि अल्जाइमर रोग मस्तिष्क की कोशिकाओं यानी न्यूरॉन्स को डैमेज करता है। आइए जानते हैं कि आखिर न्यूरॉन्स के डैमेज होने से क्या होता है। जब न्यूरॉन्स क्षतिग्रस्त हो जाते हैं, तब वो एक-दूसरे से ठीक से कम्युनिकेट नहीं कर पाते।
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भूलने की बीमारी
अल्जाइमर को भूलने की बीमारी के नाम से भी जाना जाता है। जब ये बीमारी किसी के दिमाग पर हमला बोलती है, तब मरीज की स्मृति यानी मेमोरी और सोचने-समझने की क्षमता बुरी तरह से प्रभावित होने लगती है। अल्जाइमर रोग से जूझ रहे मरीजों के ब्रेन टिशू श्रिंक होने लगते हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक मरीज लोगों के नामों को या फिर घटनाओं को भूलने लग जाते हैं।
व्यवहार में भी बदलाव
जब अल्जाइमर रोग बढ़ने लगता है, तो मरीज के व्यवहार में भी बदलाव दिखने लगता है। इंपल्सिव बर्ताव अल्जाइमर रोग का लक्षण हो सकता है। अल्जाइमर रोग की वजह से मूड स्विंग की समस्या का सामना भी करना पड़ता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक अगर आप इस बीमारी की चपेट में आने से बचना चाहते हैं, तो आपको हेल्दी लाइफस्टाइल और बैलेंस्ड डाइट प्लान को फॉलो करना शुरू कर देना चाहिए।
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