मुखिया के मुखारी - वक्त था निखरने का, ईमानदारी बिखर गई

मुखिया के मुखारी - वक्त था निखरने का, ईमानदारी बिखर गई

महतारी वंदन ममत्व को सम्मान देने की छत्तीसगढ़ सरकार की प्रभावी योजना, जिसने उसकी सत्ता वापसी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, ममत्व से अपनत्व रखती सरकार एक हजार रूपये छत्तीसगढ़ की महतारियों को दे रही है ,सरकार की इस महती योजना के मापदंड दो  कैसे हो गए? कांग्रेस की पामगढ़ महिला विधायक रेत माफिया का संचालन कर रही अपना ही नही अपने जिले के SDM ,DM का ध्यान रख रही,उनका भी हिस्सा तय और मांग रही ,सरकार समदर्शी है भले महिला विधायक विरोधी है पर है तो नेता कुल की ,सरकार न जाँच के आदेश दे रही ,न न्यायालय स्वत: संज्ञान ले रही,न किसी को क्रांति की सूझ रही,न कोई बयान ,बचाव कि बहानेबाजी नेताओं  के मुंह से टपक रहे, सुशासन वाले शांत हैं ,न्याय की लौ दीपक ऐसे जला रहे ,ये है महतारी वंदन,पर सरकार को प्रदेश की वरिष्ठतम सक्ष्म सुपात्र अधिकारी को मुख्य सचिव बनाने में न जाने क्या परेशानी आई ? अपनी ईमानदारी के लिए प्रख्यात अधिकारी को ये पद कैसे मिल सकता है, जब प्रदेश में भ्रष्टतम होना ही आपकी शीर्षस्थ और श्रेष्ठतम पदस्थापना की पहली और अंतिम योग्यता है , जिन्हें बनाया जा रहा है उनकी प्रतिभा पर हम सवाल खड़े नही कर रहे पर जिसका हक़ मारा जा रहा हो उसकी हकीकत तो बयां करेंगें।

'ये भी पढ़े : मुखिया के मुखारी - मोर संग चलव रे ,मोर संग चलव गा

विकास के लिए शीलवान अधिकारी चाहिए पर क्या वरिष्ठता को नजरअंदाज करके ? तीन महिला और दो पुरुष अधिकारियों की साख दांव पर है,जेन -जी वाले माहौल में वरिष्ठ होकर भी ये अधिकारी अब उस कुर्सी को सिर्फ ताक सकते हैं, अपने आप को कोस सकते हैं, सरकार है,सरकार की मर्जी महतारी वंदन मंत्रालय में होता था कभी अंदाजे सौम्या से अबकी बारी ,न महिला, न ईमानदारी ,न छत्तीसगढ़ की बेटी को मौका मिला ,महिला आरक्षण की बात ,सशक्तिकरण के दावे और जब सशक्त अधिकारी मिली तो उन्हें मुख्य सचिव नियुक्त करने में भर्राशाही ,क्या ये राजनीति सही है ? ब्यूरोक्रेसी और राजनीति में पुरुषों का दबदबा है, अब्बा हैं वही सबके, डब्बा ईमानदारी का गोल हुआ प्रथम महिला मुख्य सचिव की नियुक्ति के श्रेय से छत्तीसगढ़ महतारी दूर हुई, अब ये महतारी वंदन है या क्रंदन ? अंतर बस पामगढ़ महिला विधायक और ACS मैडम की नैतिकता का है ,भ्रष्ट महिला विधायक का वंदन ईमानदार महिला अधिकारी के लिए क्रंदन, इसमें भी सरकार अपने लिए पतली गली ढूंढ लेगी पिल्ले ,शर्मा को निपटा छिब्बर को खुश बता देगी,साहू , अग्रवाल लड़ जाएं सरकार से, अड़ जाएं ऐसा उनका समय नही ,सरकार को तो छत्तीसगढ़ मूल की बेटी भी नही भायी इनका दोष क्या है ? 

जो बन रहें हैं वो भी योग्य हैं ,पर ये कैसा संयोग है ,छत्तीसगढ़ में नेताओं और अधिकारियों की जुगलबंदी ,पैसों की हवस, लुट की खुली छुट, घपले घोटालों की लम्बी फेहरिस्त, ऐसे ही बना था न दाऊ, दलाल गिरोह जिसमे नेता ,व्यापारी, अधिकारी ,मंत्री सब दलाल जिनके एक ही थे दाऊ, पैसा छत्तीसगढ़ महतारी की कोख का ,कोंचते आपको भी शर्म नही आ रही उनकी दारु ,आपकी दवाई, उनका कोंटा वाला और आपके कोंटा { मनेंद्रगढ़ }दोनों मंत्री दोनों एक जैसे ।  वो सरकार पूर्ववर्ती हो गई ,आपको पुनर्वास बस कुछ सालों में चाहिए होगा, पर चाल चरित्र  एक जैसा हुआ तो परिणाम भी वैसा ही होगा, ख़ामोशी मीडिया की समझ से परे है ,झुकी कमर ,झुकी नजर ,दबे जमीर से अधिकारी क्या से क्या  हो गए ,जो आए थे एक पेज का नियुक्ति पत्र लेकर छत्तीसगढ़ का सारा पेज{ पसिया } पी गए, कलम की स्याही सुखी है ,सबको पड़ी अपने सुख की है ,मुफ्त की जमींन ,मकान, काम्प्लेक्स का बोझ इतना है की कलम का बोझ उठ नही रहा ,मैडम के ईमानदारी की भी तो दास्तां अजीब है ,अखबार वाले को ही काम्प्लेक्स का नोटिस थमा दिया था,तो मीडिया वाले उनके क्रंदन का नोटिस नही ले रहे ,न्यायालय जब विधायक के भ्रष्टाचार का संज्ञान नही ले रही नेताओं,अधिकारियों और व्यापारियों को, जमानत मंजूर नामंजूर करने में व्यस्त हो गई ,तो फिर दाऊ दलाल गिरोह फिर पनपेंगे, सब न्याय के नाम पर व्यस्त और भ्रष्टाचारी मस्त रहेंगे, सेना छत्तीसगढ़ में क्रांति नामधारी भी है ,पर अब उनके राज में भी शेष नही बचा वो भी शेषराज को बचा रहे, गैर रजनीतिक बता धुर राजनीति कर रहे, नकटी में आन्दोलन तो एक दिन मंत्रालय भी चले जाते ,महिला सशक्तिकरण की आवाज बुलंद कर आते, माना ईमानदारी नही है बस की, ईमानदार का साथ तो दे आते,क्रंदन ,वंदन महतारी का देख छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया आपकी ईमानदारी के लिए माफ़ी सहित कह रहा --------------------- वक्त था निखरने का, ईमानदारी बिखर गई 

चोखेलाल

आपसे आग्रह :

कृपया चोखेलाल की टिप्पणियों पर नियमित रूप से अपनी राय व सुझाव इस नंबर 6267411232 पर दें, ताकि इसे बेहतर बनाया जा सके।

मुखिया के मुखारी व्यवस्था पर चोट करती चोखेलाल की टिप्पणी








You can share this post!


Click the button below to join us / हमसे जुड़ने के लिए नीचें दिए लिंक को क्लीक करे

Comments

  • No Comments...

Leave Comments