मुंगेली: नवरात्रि पर्व की भव्यता इन दिनों जिलेभर में देखने को मिल रही है। पूरे नगर में देवी दुर्गा के जयकारों के साथ श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बन रहा है। शहर और ग्रामीण क्षेत्रों के देवी मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगी रही। मां के दरबार में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा, जहां भक्तों ने अपनी मन्नतें मांगी और सुख-समृद्धि की प्रार्थना की।जिले के प्रमुख शक्ति स्थल—शक्ति मंदिर, महामाया मंदिर, दुर्गा मंदिर, खर्रीपारा स्थित काली मंदिर और हथनिकला मंदिर—में अष्टमी के अवसर पर विशेष पूजा-अर्चना और देवी जागरण का आयोजन किया गया। भक्तों ने अखंड ज्योत जलाकर माता रानी के समक्ष अपनी श्रद्धा अर्पित की। जगह-जगह भक्त मंडलों द्वारा माता की चौकी और भजन-कीर्तन भी आयोजित किए गए, जिनमें महिलाओं और युवाओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।

धार्मिक परंपराओं के अनुसार, बुधवार की सुबह दाऊपारा एवं मल्लाह पारा स्थित महामाया मंदिर परिसर से जवारा विसर्जन यात्रा निकाली जाएगी। इस दौरान ढोल-नगाड़ों और जयकारों के बीच भक्त झूमते-गाते मां के जवारा को विसर्जन हेतु ले जाएंगे। वहीं शाम होते ही शहर का माहौल और भी भक्तिमय हो जाएगा, क्योंकि रात्रि 08 बजे खर्रीपारा स्थित काली मंदिर से मां काली की ज्योत और रात्रि 12 बजे महामाया मन्दिर सोनार पारा की जवारा विसर्जन के लिए निकलेगी। इस अवसर पर हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं के उपस्थित रहने की संभावना है। नवरात्रि पर्व को लेकर प्रशासन ने भी व्यापक व्यवस्था की है। सुरक्षा व्यवस्था मजबूत की गई है, वहीं नगरपालिका द्वारा साफ-सफाई और प्रकाश व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। विसर्जन मार्ग पर भीड़ को नियंत्रित करने हेतु पुलिस बल की तैनाती की जाएगी। सोशल मीडिया प्रचारक कोमल देवांगन मुंगेलिहा ने बताया कि नवरात्रि पर्व में जिलेभर के भक्त बड़ी आस्था और उल्लास के साथ शामिल हो रहे हैं। मंदिरों में सुबह से लेकर देर रात तक पूजा-पाठ का सिलसिला जारी है। विशेषकर अष्टमी और नवमी के दिन भक्तों की भीड़ चरम पर रहती है। नवरात्रि के इस अवसर पर पूरा जिला भक्ति और आध्यात्मिक माहौल में डूबा हुआ है। मां दुर्गा के जयकारों और ढोल-नगाड़ों की गूंज से पूरा वातावरण दिव्य और ऊर्जावान हो गया है। श्रद्धालु बेसब्री से जवारा विसर्जन का इंतजार कर रहे हैं, जो नगर की सड़कों से गुजरते हुए धार्मिक उत्साह और सांस्कृतिक एकता का अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करेगी।



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