सरगुजा : शारदीय नवरात्रि महापर्व के अष्टमी तिथि दिन मंगलवार को प्राचीन महामाया मंदिर लखनपुर में विशेष हवन पूजन के साथ संधि पूजा सम्पन्न हुई। इस मौके पर देवी मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहा। परम्परानुसार लखनपुर राजपरिवार के सदस्यों ने अपने कुल देवी मां कात्यायनी कामायनी के दर्शन पूजन किये। सदियों पुरानी चली आ रही प्रथा को कायम रखते हुए संधि पूजा (महामार) पर बकरों की बली दी गई। माता भक्तों ने बली देने की रिवाज को कायम रखते हुए अपने आराध्य देवी को खुश करने उनके नाम से बकरे की बलि दिये। नियत तिथि एवं समय पर संधि पूजा (महामार) होने के बाद देवी मंदिर के पट कुछ समय के लिए बंद कर दिया गया।
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पट खुलने के बाद शाम को पंडित पुजारियों द्वारा संध्या आरती पढी गई। दर्शनार्थियों ने मां महामाया के आठवें महागौरी स्वरूप के दर्शन पूजन किये। बाजार पारा स्थित भवानी मंदिर तथा लोक देवी माता रामपुरहीन शक्ति पीठ के अतिरिक्त ग्राम देवता दाऊ साहेब ,कलेसर पाठ ,गौरा महादेव, नागा बाबा (मठ) अन्य देवस्थान पर पहुंच श्रद्धालुओं ने पूजन किये। प्राचीन देवी मंदिर तथा अन्य दूसरे मंदिरों में दर्शनार्थियों की अपार भीड़ देखी गई देवी मंदिर तथा दूर्गा पंडालो में श्रद्धालुओं ने सबेरे से पूजा अनुष्ठान किये नगर लखनपुर के भवानी मंदिर दूर्गा पड़ाल तथा बस स्टैंड जूना लखनपुर नवचेतना दूर्गा मंडप के अलावा ग्राम लटोरी नवापारा तराजू कुन्नी सहित आसपास ग्रामीण इलाकों में महाअष्टमी (सधी पूजा) की रस्म अदा की गई।
माता रानी का आशिर्वाद प्राप्त करने भक्तों ने शेरावाली के दरबार पहुंच उनके चौखट में माथा टेका तथा सबके खुशियाली तथा सुख समृद्धि के लिए देवी माता से प्रार्थना किये ।
बुधवार को महानवमी पूजा सम्पन्न होगी। तथा चंद रोज बाद गुरुवार को विजयादशमी दशहरा का पर्व मनाया जायेगा। लेकिन चली आ रही प्रथानुसार लखनपुर में एक दिन बाद एकादशी तिथि को विजयादशमी दशहरा पर्व मनाई जाएगी इस तरह से शारदीय नवरात्र का सफर मुकम्मल हो सकेगा।



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