बरसीम का चारा पशुओं को सर्दियों में दिया जाता है. पशु इसे बड़े चाव के साथ खाते हैं.बरसीम से दूध की गुणवत्ता में सुधार होता है. दूध में वसा की मात्रा बढ़ती है.बरसीम की खेती से किसानों को अच्छा मुनाफा होता है.
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में किसान अपनी आय को दोगुनी करने के लिए पशु पालन कर रहे हैं.जिस कारण किसानों को अच्छा खासा मुनाफा भी होता है. ऐसे में बरसात के मौसम में हरे चारे की दिक्कत हो जाती है जिस कारण दूध उत्पादन में कमी आती है .
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सितंबर के महीने में बरसीम की बुवाई कर दें 40 दिन में तैयार हो जाएगी बरसी में प्रोटीन विटामिन और खनिज पदार्थ की भरपूर मात्रा होती है बरसीम पशुओं की पाचन शक्ति को बेहतर बनती है. यह पशुओं के लिए एक संपूर्ण आहार है और दूध उत्पादन बढ़ाने में मदद करता है.
बरसीम का चारा पशुओं को सर्दियों में दिया जाता है. पशु इसे बड़े चाव के साथ खाते हैं.बरसीम से दूध की गुणवत्ता में सुधार होता है और दूध में वसा की मात्रा बढ़ती है.बरसीम की खेती से किसानों को अच्छा मुनाफा होता है. किसान बरसीम की बुवाई कर उसे चारे के तौर पर बाजार में बेचकर अच्छा मुनाफा ले सकते हैं.
बरसीम की बुवाई करने के लिए खेत को गहरी जुताई करें खेत की जुताई करते वक्त पर्याप्त नमी होना चाहिए. खेत में बनाई हुई क्यारियों में पानी भरने के बाद किसान बरसीम के बीज का छिड़काव कर दें. ध्यान रखें की बुवाई करते वक्त क्यारियों में ज्यादा पानी नहीं होना चाहिए.हेक्टेयर खेत में बरसीम की बुवाई करने के लिए 10 से 15 किलो ग्राम बीज की आवश्यकता होती है.
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