विदा होते-होते जमकर बरस रहा मानसून, यूपी में बिजली गिरने से 22 की मौत

विदा होते-होते जमकर बरस रहा मानसून, यूपी में बिजली गिरने से 22 की मौत

नई दिल्ली :  चार महीने से पूरे देश को झमाझम बारिश से भिगोकर राहत देनेवाले मानसून ने अंतत: विदा ले ली। मौसम विभाग ने मानसून की विदाई की आधिकारिक घोषणा की। हालांकि, बीते कुछ दिनों से गर्मी और उमस झेल रहे लोगों को सोमवार को हुई झमाझम बारिश से फिर राहत मिली।

अगले 24 घंटे के दौरान इन राज्यों में होगी भारी बारिश

अगले 24 घंटे के दौरान, अंडमान-निकोबार में मध्यम से भारी बारिश बनी रह सकती है। उत्तराखंड, पूर्वोत्तर भारत, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, पूर्वी राजस्थान, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, तटीय कर्नाटक और कोंकण-गोवा में हल्की से मध्यम बारिश होने के आसार हैं।

बिहार, झारखंड, गंगीय पश्चिम बंगाल, मराठवाड़ा, केरल और लक्षद्वीप में हल्की वर्षा संभव है। दिल्ली-एनसीआर में बारिश की संभावना है, जो मानसून विदाई के दौरान एक आखिरी फुहार जैसा होगा।

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उप्र में बिजली गिरने से 22 की मौत, वर्षा से फसलों को नुकसान

मानसून की वापसी से पहले सोमवार को पूर्वांचल से शुरू हुआ बारिश का दौर मंगलवार को प्रदेश के मध्य और पश्चिम हिस्से तक पहुंच गया। इस दौरान बिजली गिरने से 22 लोगों की मौत हो गई। सबसे अधिक 14 मौतें कानपुर व आसपास के जिलों में हुई हैं।

इसके अलावा प्रयागराज, श्रावस्ती, हाथरस, अलीगढ़, बांदा, मथुरा व फिरोजाबाद में भी वज्रपात से जानें गई हैं। संभल में एक स्कूल पर बिजली गिरने से छत के मलबे की चपेट में आकर छह विद्यार्थी घायल हो गए। वर्षा के कारण कई जिलों में बाजरा, आलू व सरसों आदि फसलों को नुकसान पहुंचा है।

तीन दिनों तक बारिश के आसार

इस बीच मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार तीन दिनों तक राजधानी समेत 40 जिलों में वर्षा के आसार हैं। शुक्रवार को मध्य व पूर्वी यूपी के लगभग सभी जिलों में भारी वर्षा हो सकती है। वर्षा के दौरान बिजली गिरने से फतेहपुर में पिता-पुत्र समेत पांच, जबकि कन्नौज-महोबा में तीन-तीन मौतें हुई हैं। प्रयागराज, बांदा, कानपुर व चित्रकूट में एक-एक मौत हुई है।

मानसून की विदाई के साथ झमाझम बारिश

मौसम विभाग के मुताबिक इस साल सामान्य से आठ प्रतिशत अधिक बारिश रिकार्ड की गई। देश में 868.6 मिमी बारिश को सामान्य माना जाता है, जबकि इस साल 937.2 मिमी बारिश रिकार्ड की गई। इस वजह से बीच-बीच में लोगों को बाढ़ और भूस्खलन के चलते आफत भी झेलनी पड़ी। इसके चलते करीब 1500 लोगों की मौत हुई। इसमें 935 लोगों की बाढ़ और भारी बारिश से, जबकि 570 लोगों की मौत वज्रपात से मौत हुई।

उत्तरपूर्व में सामान्य से 20 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई

मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने बताया कि इस साल देश ने बेहद सफल मानसून देखा। हालांकि, इस दौरान बादल फटने, भूस्खलन और कीचड़ की बाढ़ जैसी आपदाएं भी देखने को मिलीं। पूर्व और उत्तरपूर्व में सामान्य से 20 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई।









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