बलौदाबाजार : छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में वन विभाग के कर्मचारियों का गुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है। सोनाखान रेंज के रेंजर सुनीत साहू पर महिला सहकर्मी समेत अन्य कर्मचारियों के साथ अभद्र व्यवहार और धमकी देने के आरोपों के बाद वनकर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गए हैं। दशहरा मैदान में चल रहे धरना प्रदर्शन में कर्मचारियों ने रेंजर को पूर्ण रूप से भारमुक्त करने और कड़ी कार्रवाई की मांग दोहराई है।
नवरात्रि के समय, जब समाज शक्ति और नारी सम्मान की पूजा कर रहा है, तब महिला कर्मचारी के साथ हुई अभद्रता ने कर्मचारियों का गुस्सा और गहरा कर दिया है। उनका कहना है कि सम्मान और सुरक्षा के बिना वन संरक्षण असंभव है। स्थानीय लोगों ने भी कर्मचारियों का समर्थन किया है और कहा है कि न्याय में देरी व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है।
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हड़ताल से प्रभावित हो रहा काम
कर्मचारी संघ का कहना है कि रेंजर को स्थानांतरित जरूर किया गया है, लेकिन भार मुक्त न होने से भय का माहौल कायम है। हड़ताल के चलते वन संपदा की सुरक्षा और वन्यजीव संरक्षण के कार्य प्रभावित हो रहे हैं। कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि मांगें न मानी गईं तो आंदोलन और उग्र होगा।
दुर्ग संभाग का साथ
बलौदाबाजार के आंदोलन को समर्थन देने के लिए दुर्ग संभाग के प्रतिनिधि और खैरागढ़ वन कर्मचारी संघ के पदाधिकारी धरना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने कहा, “यह संघर्ष सिर्फ बलौदाबाजार का नहीं है, बल्कि पूरे प्रदेश के वनकर्मियों के अधिकार और सम्मान का प्रतीक है।”
सरकार से हस्तक्षेप की मांग
कर्मचारी संघ ने साफ किया है कि जब तक रेंजर के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती और उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक हड़ताल समाप्त नहीं होगी। उन्होंने प्रदेश सरकार और वन विभाग से त्वरित हस्तक्षेप की अपील की है।
नवरात्रि के बीच यह आंदोलन अब केवल कर्मचारी अधिकारों की नहीं, बल्कि नारी सम्मान की लड़ाई का प्रतीक बन गया है। आने वाले दिनों में इस संघर्ष के और तेज होने की संभावना जताई जा रही है।
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