नई दिल्ली : कर्नाटक में चल रहे सामाजिक-आर्थिक और शैक्षणिक सर्वे को लेकर सियासत गर्मा गई है। कांग्रेस सरकार द्वारा शुरू किए गए इस सर्वे पर विपक्ष ने तीखा हमला बोला है, खासकर तब जब उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने खुद कुछ सवालों का जवाब देने से मना कर दिया।
यह सर्वे शनिवार को बेंगलुरु शहर सीमा के भीतर शुरू हुआ। अधिकारियों की एक टीम शिवकुमार के घर पहुंची और उनसे सवाल पूछे। लेकिन सर्वे के दौरान उन्होंने कुछ निजी सवालों जैसे उनके पास कितने जेवर हैं, इसका जवाब देने से इनकार कर दिया।
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सर्वे अधिकारियों से बातचीत के दौरान शिवकुमार ने कहा कि लोगों से मुर्गियों, भेड़ें, सोना या घड़ी जैसी चीजों के बारे में सवाल नहीं पूछे जाने चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसे निजी सवाल सर्वे का उद्देश्य नहीं है।
शिवकुमार ने मीडिया से कहा, "मैंने अधिकारियों से कहा है कि वे लोगों से बहुत निजी बातें न पूछें। हम देखेंगे कि सर्वे कैसे चल रहा है। किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए, क्योंकि पिछली बार कई लोगों ने सर्वे पर सवाल उठाए थे। इस बार हम नया सर्वे कर रहे हैं और सबको भाग लेना चाहिए।"
विपक्ष का हमला
शिवकुमार के रवैये पर भाजपा और जेडीएस ने सरकार पर हमला बोला। राज्य भाजपा अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने कहा, "डीके शिवकुमार की प्रतिक्रिया से साफ है कि सरकार खुद अपने सर्वे को लेकर असमंजस में है। लोगों से करीब 60 सवाल पूछे जा रहे हैं, जिससे कई समुदायों में बेचैनी फैल गई है।"
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने सर्वे जल्दबाजी में शुरू किया और पर्याप्त तैयारी नहीं की। विजयेंद्र ने यह भी कहा कि सर्वे में दिव्यांग व्यक्तियों को गिनती के काम में लगाना गलत फैसला है।
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