उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में किसान सब्जी की खेती करते हैं. सब्जी की खेती कर किसानों को अच्छा खासा मुनाफा होता है. बाजारों में भिंडी की डिमांड अधिक रहती है क्योंकि भिंडी हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होती है. कम लागत में अधिक मुनाफा भिंडी की खेती से कमाया जा सकता है.
मोहम्मदी तहसील क्षेत्र के रहने वाले युवा किसान हिमांशु वर्मा अलग तरीके से भिंडी की खेती कर रहे हैं. उन्होंने इस बार लाल भिंडी की खेती की है, जिसकी डिमांड बाजारों में बढ़ती जा रही है. उनका मानना है कि लाल भिंडी सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद होती है, इसीलिए इसकी बाजार में अधिक डिमांड रहती है.
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लाल भिंडी की कीमत हरी भिंडी के मुकाबले कई गुना ज्यादा होती है. इसकी खेती साल में दो बार की जा सकती है. लाल भिंडी को काशी लालिमा के नाम से भी जाना जाता है. काशी लालिमा भिंडी, हरी भिंडी के मुकाबले काफी ज्यादा स्वादिष्ट होती है और सेहत के लिए भी फायदेमंद मानी जाती है. यह भिंडी हृदय रोगियों के लिए काफी लाभकारी साबित हो रही है.
लाल भिंडी में आयरन की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है और इसमें औषधीय गुण भी प्रचुर मात्रा में होते हैं. इसके अंदर प्रोटीन, विटामिन B12 और विटामिन B6 अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं. औषधीय गुणों की दृष्टि से लाल भिंडी काफी गुणकारी है और हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद मानी जाती है.
बाजार में काशी लालिमा भिंडी 100 से 200 रुपये प्रति किलो के भाव पर बिक रही है, जबकि सामान्य हरी भिंडी 30 से 50 रुपये प्रति किलो में मिल रही है. इसी वजह से किसान अब लाल भिंडी की खेती की ओर अग्रसर हो रहे हैं, जिससे उन्हें अच्छा-खासा मुनाफा मिल रहा है.
अगर आप भी लाल भिंडी की खेती करना चाहते हैं तो अक्टूबर और नवंबर का महीना इसके लिए सबसे उपयुक्त है. लाल भिंडी की मांग बाजार में लगातार बढ़ रही है. इसकी खासियत है कि यह 45–50 दिनों में फल देना शुरू कर देती है और लगभग 6 महीने तक फल देती रहती है. प्रति हेक्टेयर लाल भिंडी से करीब 130 क्विंटल की पैदावार प्राप्त की जा सकती है.
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