अब खेत नहीं, रैंप पर दिखती हैं भैंसें, दुल्हन की तरह सजाते हैं लोग, सबसे सुन्दर को मिलता है इनाम!

अब खेत नहीं, रैंप पर दिखती हैं भैंसें, दुल्हन की तरह सजाते हैं लोग, सबसे सुन्दर को मिलता है इनाम!

आपने अब तक महिलाओं और मर्दों के ब्यूटी कॉन्टेस्ट तो बहुत देखे होंगे, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ‘भैंसों का भी ब्यूटी कॉन्टेस्ट’ हो सकता है? जी हां, आज हम आपको एक ऐसे देश के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां भैंसों की खूबसूरती मापने के लिए कॉन्टेस्ट आयोजित किया जाता है. इस ब्यूटी कॉन्टेस्ट को लेकर वहां के लोगों में बहुत उत्साह दिखता है. आइए जानते हैं, उस देश और इस मुकाबले के बारे में.

दरअसल, थाईलैंड के चोनबुरी में हर साल जल भैंस दौड़ उत्सव (Water Buffalo Racing Festival) मनाया जाता है. यह त्यौहार थाईलैंड के फसल सीजन की शुरुआत और किसानों की मेहनत का प्रतीक माना जाता है. पहले भैंसें खेत जोतने और माल ढोने में काम आती थीं, लेकिन अब मशीनों ने उनकी जगह ले ली है. इसलिए, इन त्योहारों के जरिए अब उन्हें एक नया सम्मान और पहचान दी जा रही है. यहां भैंसों की रेस होती है, पारंपरिक डांस के साथ परेड निकलती है और लोग पारंपरिक थाई पोशाकों में सजकर इन जानवरों का सम्मान करते हैं.

अब खेत नहीं, रैंप पर दिखती हैं भैंसें
इस मेले में सिर्फ रेस ही नहीं, बल्कि भैंसों का ब्यूटी कॉन्टेस्ट भी होता है. इस कॉन्टेस्ट के दौरान भैंसों को खास तौर पर सजाया जाता है. उनके सींगों पर फूल लगाए जाते हैं, शरीर पर तेल लगाया जाता है ताकि उनकी त्वचा चमके और उनकी चाल-ढाल और आकार का भी बारीकी से मूल्यांकन किया जा सके. जिन भैंसों की सींग सबसे सुंदर, शरीर सबसे मजबूत और चाल सबसे शाही होती है, उन्हें विजेता घोषित किया जाता है. कॉन्टेस्ट के दिन मैदानों में हजारों लोग पहुंचते हैं. बच्चे भैंसों के साथ फोटो खिंचवाते हैं, वहीं जज काउबॉय हैट पहनकर हर भैंस का निरीक्षण करते हैं .

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सरकार और किसानों की नई उम्मीद
बताया जाता है कि, थाईलैंड में कभी भैंसों की संख्या लगातार गिरती चली जा रही थी, लेकिन अब इन प्रतियोगिताओं ने किसानों में नई ऊर्जा भर दी है. 2017 में सरकार ने “थाई बफेलो कंजर्वेशन डे” की शुरुआत की, ताकि किसान इन जानवरों को पालने के लिए प्रेरित हों. अब सरकार नस्ल सुधार और प्रजनन सहायता भी देती है. कई बड़े फार्म अब इन भैंसों को रोज नहलाते हैं, खास डाइट देते हैं. जिसमें कॉर्न, सोयाबीन, ब्रान और विटामिन्स शामिल हैं. चोनबुरी का यह त्योहार सिर्फ एक मनोरंजन नहीं, बल्कि थाईलैंड की संस्कृति, इतिहास और किसान जीवन की एक झलक है. भले ही अब मशीनों ने खेत संभाल लिए हों, लेकिन इन भैंसों की चमक, ताकत और अपनापन आज भी लोगों के दिलों में बसती है.








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