रायपुर : छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग ने सरस्वती नगर थाना प्रभारी को पत्र लिखकर एक ऐसे व्यक्ति के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया है, जिसने महिलाओं के साथ धोखाधड़ी और आर्थिक शोषण किया है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि थाना प्रभारी 15 दिनों के भीतर इस मामले में पूरी कार्रवाई की रिपोर्ट आयोग को सौंपें। आयोग को प्राप्त शिकायत के अनुसार, आरोपी ने पीड़िता को बैंक कर्मचारी बताकर और जमीन दिलाने का झांसा देकर 1 लाख 25 हजार रुपये हड़प लिए। आरोपी ने 1 लाख रुपये बयाना के रूप में दो किश्तों में (50-50 हजार रुपये) NEFT के जरिए और 25 हजार रुपये नकद लिए। इसके बाद आरोपी ने दावा किया कि बाकी की राशि वह बैंक से फाइनेंस करवाएगा। लेकिन न तो जमीन का बैनामा हुआ और न ही रजिस्ट्री हुई। जैसे-जैसे समय बीता, आरोपी ने पीड़िता से अतिरिक्त पैसे की मांग शुरू कर दी, यह कहकर कि जमीन की कीमत 11 लाख रुपये से बढ़कर अब 13 लाख रुपये हो गई है।
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आयोग की सुनवाई में आरोपी ने 1 लाख 25 हजार रुपये लेने की बात स्वीकार की। इसके अलावा आरोपी ने यह भी स्वीकार किया कि वह बैंकों का KYC रजिस्ट्रेशन रखता है और फाइनेंस का काम करता है। आयोग ने पाया कि आरोपी विशेष रूप से गरीब महिलाओं को झूठे वादों के माध्यम से आर्थिक शोषण कर रहा था। इस धोखाधड़ी को गंभीर अपराध मानते हुए आयोग ने सरस्वती नगर थाना में FIR दर्ज करने, आरोपी की फोटो थाने में चस्पा करने और रायपुर के सभी बैंकों को पत्र भेजकर उसका KYC रजिस्ट्रेशन रद्द करने के निर्देश दिए हैं। आयोग ने आरोपी का पूरा पता और फोटो थाने को उपलब्ध करवा दिया है, ताकि पुलिस और बैंक अधिकारियों के लिए पहचान आसान हो और भविष्य में इस तरह की धोखाधड़ी को रोका जा सके। आयोग ने कहा कि इस प्रकार की घटनाओं में महिलाओं का विश्वास तोड़ा जाता है और उन्हें वित्तीय रूप से नुकसान उठाना पड़ता है, इसलिए ऐसे मामलों में तुरंत कार्रवाई आवश्यक है।
सामाजिक कार्यकर्ताओं और महिला अधिकार विशेषज्ञों का कहना है कि यह मामला न केवल आर्थिक शोषण का है बल्कि महिलाओं के अधिकारों और सुरक्षा के लिए भी गंभीर चुनौती पेश करता है। उन्होंने बताया कि बैंकों और वित्तीय संस्थानों को चाहिए कि वे ऐसे लोगों के KYC रजिस्ट्रेशन पर विशेष नजर रखें और शासकीय और कानूनी संस्थाओं के साथ सहयोग करें। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग ने इस मामले में स्पष्ट किया कि यह सिर्फ एक शिकायत का मामला नहीं है, बल्कि यह पूरे राज्य में महिलाओं के साथ होने वाले आर्थिक और वित्तीय शोषण को रोकने के लिए एक उदाहरण है।
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आयोग ने इस बात पर जोर दिया कि सभी महिलाओं को ऐसे धोखेबाजों के खिलाफ जागरूक होना चाहिए और तुरंत शिकायत दर्ज करनी चाहिए। सरस्वती नगर थाना प्रभारी को भेजे गए पत्र में आयोग ने निर्देश दिया कि कार्रवाई में पूर्ण पारदर्शिता और जवाबदेही बरती जाए। आरोपी के खिलाफ FIR दर्ज होने के बाद पुलिस मामले की तफ्तीश करेगी और सभी सबूतों को इकट्ठा करेगी। आयोग ने यह भी कहा कि यदि पुलिस 15 दिनों के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट नहीं सौंपती है, तो आयोग ऊपर के अधिकारियों के माध्यम से अतिरिक्त कदम उठा सकता है। इस प्रकार, रायपुर में यह मामला महिलाओं के अधिकारों और आर्थिक सुरक्षा के लिए गंभीर चेतावनी बन गया है। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग ने यह सुनिश्चित किया है कि कोई भी आरोपी बिना कानूनी कार्रवाई के महिलाओं को धोखा नहीं दे सके और भविष्य में इस तरह के मामलों पर नजर रखी जाएगी।
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