कोंडागांव : जिले के कांटागांव स्थित आदिवासी गर्ल्स हॉस्टल में 11 वर्षीय छात्रा का शव शनिवार सुबह अपने कमरे में टाई से फांसी के फंदे पर लटका पाया गया। बच्ची कक्षा पांचवी की छात्रा थी और माकड़ी ब्लॉक के इस हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रही थी।
जानकारी के अनुसार, शनिवार सुबह करीब 10 बजे छात्राओं को भोजन के लिए बुलाने पर छात्रा को फांसी पर लटका पाया गया। परिजनों ने हॉस्टल प्रबंधन पर आरोप लगाया कि उन्होंने घटना के तुरंत बाद छात्रा को बेहोश बताया और वास्तविक स्थिति पर समय पर जानकारी नहीं दी।
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गांव के सरपंच मोती राम मरकाम ने बताया कि प्रबंधन ने सुबह 10:45 बजे मात्र यह सूचना दी कि छात्रा बेहोश है, जबकि परिवार को दोपहर 12 बजे ही वास्तविक स्थिति का पता चला। परिजन दावा कर रहे हैं कि यदि समय रहते जानकारी दी जाती, तो बच्ची की जान बच सकती थी।
सूचना मिलते ही एसडीएम अजय उरांव, तहसीलदार, शिक्षा विभाग के अधिकारी और पुलिस मौके पर पहुंचे। घटना की जांच जारी है।
आदिवासी छात्रावासों और आश्रमों में छात्र-छात्राओं द्वारा आत्महत्या की घटनाओं में बढ़ोतरी ने आदिवासी विकास विभाग की सुरक्षा और देखरेख व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अभिभावक अब अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।
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