मुखिया के मुखारी - ननकी को ननकी स नही कुंवर सा जैसा मान देना होगा 

मुखिया के मुखारी - ननकी को ननकी स नही कुंवर सा जैसा मान देना होगा 

सोशल मीडिया के दौर में छवि बनने और बिगड़ने में वक्त नहीं लगता,राजनीति वैसे भी जन अवधारणाओं का खेल है ,पाकिस्तानी पत्रकार की एक सोशल मीडिया पोस्ट खूब वायरल हुई --दादा जी ने वाट लगा दी, उनके दर्द की कहानी अलग है और अपनी अलग पर वजह एक ही है ,सोशल मीडिया छ.ग भाजपा में दादा जी वाली हैसियत पा चुके ननकीराम कवंर के बयान सुर्खियां पा रहे हैं, भाजपा के एक युवा नेता जो आयोग के अध्यक्ष हैं अपने गाँव जाते हुए गाँव के रास्ते से परेशान हैं, रेत तस्कर और हाईवा उनके इस दुःख का कारण हैं ,मतलब दो पीढियां सुर्खियां तो पा रही पर अपनी ही सरकार पे त्योरियां चढ़ा रही,कवंर की शिकायत के बाद भी बसंत की बहार है ,पीठ थपथापाई की जीत सरकार उन्हें अजीत मान रही है ,कलेक्टरों की कॉन्फ्रेंस की खबरें जैसी मीडिया में आई वों बताती है की सरकार को ननकी से ज्यादा अजीत पर विश्वास है,कोरबा में भ्रष्टाचार का रकबा बहुत बड़ा है,पूर्ववर्तियों के काले कारनामों के बहार ही बहार थी सों अब की बसंत बहार है।

ननकी के ने तो रानू को भी समझाया था ,बाहर तो वों ना समझी थी, शायद अंदर के बाद कुछ बदला हो, युवा आयोग के अध्यक्ष अपनी कहानी आगे बढ़ाएंगे संशय है ,संसत में राजनीतिक भविष्य आ जाएगा । प्रदेश में पटवारी ,ग्राम सचिव ,शिक्षकों,स्वास्थ्य कर्मियों पर निलंबन की गाज आम है, नेटवर्क मार्केटिंग की तोहमत में कइयों की बर्खास्तगी हो गई क्योंकि ये आम कर्मचारी थे ,अधिकारियों की बैसाखी पर चलने वाली सरकार का सुशासन इसी में समाहित है,अखिल भारतीय और राज्य सेवा संवर्ग के अधिकारी खुलेआम डकैती कर रहे और सरकार है की समोसा चोर को ढूंढ रही ,उन्हें पकड़ रही, उनका निलंबन  कर रही पर मुख्य सचिव से लेकर नायब तहसीलदार तक सबके मजे ही मजे हैं, घोटाले तमगे की तरह उपयोगी बन मलाई दार पदस्थापना की पहली शर्त हो गई हैं ,पूर्व मुख्य सचिव से लेकर वर्तमान उच्च अधिकारियों के खिलाफ जांचे चल रही ,नित नए घोटालों के खुलासों में इनके नाम हैं जिनके जिम्मे जाँच है उन पुलिसवालों के दामन दाग दार हैं ,नामजद आरोपी हैं, फिर भी वही मंत्रालय के बहार हैं, बेनामी सम्पत्तियों के मालिक हैं ,एक पेज के नियुक्ति पत्र की पृष्ठभूमि और ऋण पुस्तिका के पृष्ठ दर पृष्ठ इनकें ही नाम हैं।

प्रदेश के हर कोने में इनके फार्म हाउस ,हर शहरों में इनके मकान है ,यही बिल्डर ,यही ज्वेलर्स, यही हर बिजनेस के फाइनेंसर हैं ,इन्हीं के पैसों से निजी विश्वविद्यालय फल फुल रहे ,चोरी ,लूट करते -करते अब डकैती पर आ गए हैं, क्योकिं उन्हें है पता सरकार की भ्रष्टाचार पर जीरों टालरेंस बकैती है, जो सिर्फ कहने को है,करने को नही ,छ .ग.में भ्रष्टाचार व्यक्तिगत नहीं सामुदायिक हो गया है ,जिसमें राजनेता, व्यापारी ,कर्मचारी ,अधिकारी सबकी सहभागिता है, सबने पूरी सक्रियता और तन्मयता से दाऊ दलाल गिरोह बनाया ,छत्तीसगढ़ को लुटा ,क्या सुशासन वाली सरकार ये कह सकती है,ये आरोप है झूठा, दूध का जला छाछ भी फूंककर है पीता ,पर सरकार इस मुहावरे को मुहावरा ही रहने देना चाह रही, चरितार्थ करने का कोई इरादा नही दिख रहा,दागी अफसरों के सहारे सुशासन के कसमें वादे , कसमें वादे प्यार वफा सब -------------सरकार गा रही इस गान में ही छत्तीसगढ़ के गण का मान है, जन के लिए सरकार है पर जनसरोकार से उतनी ही दूर है, धन संपर्क से नाता जनसंपर्क से विमुख सरकार का जनसंपर्क अब दादागिरी की मिशाल है, पूर्ववर्तियों ने दारू का जो हाल किया अबकी बारी वही हाल दवा का है, दवा ,दारू की पूर्णता के साथ कब डकैती की बराबरी हो जाए सरकार को पता ही नही चलेगा  ? क्योकिं इनकी पुरानी फितरत है फिरकी मारने की या तो आँख मिचौली होती है,या फिर दाऊ दलाल गिरोह बनता है, छ .ग. ने दाऊ दलाल गिरोह की सामुदायिक डकैती देखी है सों आँखों में धुल झोंकने का सवाल ही नहीं, अधिकारियों के संगठन है, इनके बड़े -बड़े क्लब हैं ,पर इन क्लबों से कोई आवाज ईमानदारी की उठती नहीं, शब्द लड़खड़ा जाते हैं इतनी यहां सुविधायें हैं ,अधिकारी ,कर्मचारियों के वर्क फेडरेशन को भी हांक रहे ,जो अपने कर्मचारियों  को नहीं बचा पा रहे वों फेडरेशन वाले अधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री निवास जा रहे ,सुशासन प्रतिस्थापित करना हो तो अनिवार्य सेवानिवृत्ति की सरकारी परम्परा निभाई जा सकती है, नई प्रतिभाओं को ईमानदारी सिखाई जा सकती है, जो अधिकारी भ्रष्टाचार का अरारोठ पी अकड़ रहे उनकी अकड़ और अक्ल ठिकाने लगाईं जा सकती है, नही तों अफसरों के कंधों पर बैठी सरकार को अफसर ही कंधा दे देंगे, फिर ना कहना की बताया नही -------------------------------------------------ननकी को ननकी स नही कुंवर सा जैसा मान देना होगा 

चोखेलाल

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मुखिया के मुखारी व्यवस्था पर चोट करती चोखेलाल की टिप्पणी








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