जिमीकंद को सूरन या ओल के नाम से भी जाना जाता है यह जमीन के नीचे उगने के कारण पोषक तत्वों से भरपूर होता है, जिमीकंद का सेवन सेहत के लिए फायदेमंद होता है. ऐसी मान्यता है कि जिमीकंद का भोग देवी लक्ष्मी को लगाने से वह प्रसन्न होती है जिसकी वजह से घर में तरक्की, सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है, जिमीकंद को समृद्धि और बरकत के साथ जोड़ा जाता है साथ ही इसको खाने से घर में धन-धान्य और खुशहाली आती है.
जिमीकंद की एक खासियत होती है कि अगर इसकी जड़ का कुछ हिस्सा मिट्टी में रह जाए तो उससे एक नया जिमीकंद उग जाता है.
जिमीकंद बनाने का सही तरीका
जिमीकंद की एक अच्छी सब्जी बनाकर खाने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरुरी होता है, क्योंकि इसको बनाना इतना भी आसान नहीं होता है.
1.जिमीकंद को बनाने के लिए उसका छिलका उतारने से पहले अपने हाथों में सरसों का तेल लगाना बहुत जरूरी होता है, क्योंकि अगर आप ऐसा नहीं करते हैं, तो यह आपके हाथों में भयंकर खुजली कर सकता है और इसको बनाने में दिक्कत हो सकती है.
2.जिमीकंद का छिलका उतारने के बाद उसको 1-2 इंच लंबे टुकड़ों में काट कर उबाल लेना चाहिए, लेकिन उबालते समय उसमे नींबू का रस या एक छोटा चम्मच नमक डालना बहुत जरूरी होता है और आप इमली भी डाल सकते हैं क्योंकि इसमे मौजूद कैल्शियम ऑक्सालेट क्रिस्टल गले में खुजली या जलन कर सकता है.
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3.अगर आपके पास नींबू या इमली नहीं है तो आप अमरूद के पत्तों का भी इस्तेमाल कर सकते है. जी हां जिमीकंद में मौजूद कैल्शियम ऑक्सालेट क्रिस्टल के असर को कम करने के लिए आप अमरूद के पत्तों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं, जिमीकंद को अमरूद के पत्तों के साथ भी उबाला जा सकता है.
4.जिमीकंद को 10-15 मिनट तक उबालना चाहिए या जबतक उसके टुकडे़ नरम ना हो जाएं, टुकडे़ नरम होने के बाद उसको बाहर दूसरे बर्तन में निकालकर रख लेना चाहिए, उसके बाद सब्जी बनाने का जो तरीका आपको पसंद हो आप उस तरीके से जिमीकंद को बना सकते हैं और साथ में दही का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
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