रायगढ़ : किसी सड़क के निर्माण की लागत से कई गुना ज्यादा भूमि अधिग्रहण का खर्च हो जाता है तो फिर सरकार इस पर मंथन करती है। शहर में चार सडक़ों को फोरलेन बनाने का प्रस्ताव था। चौड़ीकरण की राह में भू-अर्जन का ही रोड़ा है। जिले में भारी यातायात दबाव के कारण कुछ सडक़ों को फोरलेन करने का प्रस्ताव है। वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने सात सडक़ों को फोरलेन बनाने की मंजूरी दी थी। ढिमरापुर चौक से पतरापाली जेएसपीएल तक 5 किमी के लिए 5 करोड़, ढिमरापुर चौक से कोतरा रोड थाना चौक तक ढाई किमी के लिए 2 करोड़, उर्दना चौक से सर्किट हाउस चौक तक साढ़े 3 किमी के लिए 2 करोड़,टीवी टावर रोड से मेडिकल कॉलेज तक साढ़े 3 किमी के लिए 5 करोड़, रायगढ़-पूंजीपथरा-घरघोड़ा रोड 37 किमी के लिए 17.30 करोड़, रायगढ़-कोतरा-नंदेली 1 से 5 किमी के लिए 10 करोड़ और रायगढ़-लोइंग-महापल्ली रोड 1 से 5 किमी के लिए 10 करोड़ की प्रारंभिक स्वीकृति दी गई थी। ढिमरापुर से कोतरा रोड के लिए 40 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति मिल चुकी है। उर्दना से सर्किट हाऊस तक एक परेशानी अतिक्रमण की है। एक तरफ पहाड़ है तो दूसरी तरफ निर्माण। ढिमरापुर चौक से पतरापाली तक भी रोड आसानी से चौड़ी हो जाएगी। यहां भी कुछ जगहों पर अवैध कब्जे हैं। टीवी टावर रोड से मेडिकल कॉलेज तक रोड निर्माण में लागत ज्यादा आ रही है क्योंकि मुआवजा ज्यादा देना पड़ेगा।
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टीवी टावर रोड से मेडिकल कॉलेज तक साढ़े 3 किमी के लिए 5 करोड़, रायगढ़-पूंजीपथरा-घरघोड़ा रोड 37 किमी के लिए 17.30 करोड़, रायगढ़-कोतरा-नंदेली 1 से 5 किमी के लिए 10 करोड़ और रायगढ़-लोइंग-महापल्ली रोड 1 से 5 किमी के लिए 10 करोड़ की प्रारंभिक स्वीकृति दी गई थी। ढिमरापुर से कोतरा रोड के लिए 40 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति मिल चुकी है। उर्दना से सर्किट हाऊस तक एक परेशानी अतिक्रमण की है। एक तरफ पहाड़ है तो दूसरी तरफ निर्माण। ढिमरापुर चौक से पतरापाली तक भी रोड आसानी से चौड़ी हो जाएगी। यहां भी कुछ जगहों पर अवैध कब्जे हैं। टीवी टावर रोड से मेडिकल कॉलेज तक रोड निर्माण में लागत ज्यादा आ रही है क्योंकि मुआवजा ज्यादा देना पड़ेगा।
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